प्रत्यक्षवाद के जन्मदाता कौन है?
प्रत्यक्षवाद के जन्मदाता काॅम्टे को कहा जाता है।
प्रत्यक्षवाद का अर्थ | प्रत्यक्षवाद की परिभाषा
काॅम्टे के अनुसार- "निरीक्षण, परीक्षण, प्रयोग और वर्गीकरण पर आधारित वैज्ञानिक विधियों के द्वारा सब कुछ समझना और उससे ज्ञान प्राप्त करना ही प्रत्यक्षवाद है।" इस प्रकार प्रत्यक्षवाद का अर्थ 'वैज्ञानिक' है।
प्रत्यक्षवादी विचारधारा किससे संबंधित है?
प्रत्यक्षवादी विचारधारा का संबंध सामाजिक घटनाओं से संबंधित है।
प्रत्यक्षवाद की व्याख्या
काॅम्टे का कहना है, कि अनुभव निरीक्षण प्रयोग तथा वर्गीकरण की व्यवस्थित कार्य प्रणाली द्वारा न केवल प्राकृतिक घटनाओं का अध्ययन संभव है, बल्कि समाज का भी क्योंकि समाज भी प्रकृति का एक अंग है, जिस प्रकार प्राकृतिक घटनाएं कुछ निश्चित नियमों पर आधारित होती है, उसी प्रकार प्राकृतिक के अंग के रूप में सामाजिक घटनाएं भी कुछ निश्चित नियमों के अनुसार घटित होती हैं।
जिस प्रकार पृथ्वी की गति ऋतु परिवर्तन चांद और सूरज का आवागमन दिन और रात का होना आदि प्राकृतिक घटनाएं आकस्मिक होती हैं कुछ सुनिश्चित नियमों द्वारा निर्देशित होती हैं उसी प्रकार माननीय सामाजिक घटनाएं भी आकस्मिक होती हैं यह भी कुछ सामाजिक नियमों के अंतर्गत आती हैं अतः सामाजिक घटनाएं किस प्रकार घटित होती हैं या उनका क्रम हुआ गति क्या होती है इसका अध्ययन यथार्थ रूप से संभव है यही प्रत्यक्षवाद का प्रथम आधारभूत सिद्धांत है।
प्रत्यक्षवाद की दूसरी महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि यह अपने को धर्म और तात्विक विचारों से दूर रखने का प्रयत्न करता है, क्योंकि इनके अध्ययन प्रणाली वैज्ञानिक कदापि नहीं हो सकती। प्रत्यक्षवाद कल्पना या ईश्वरीय महिमा के आधार पर नहीं बल्कि निरीक्षण, परीक्षण और प्रयोग के व्यवस्थित कार्य प्रणाली के आधार पर सामाजिक घटनाओं की व्याख्या करता है।
काॅम्टे ने समाजशास्त्र को विज्ञान बताया है।
काॅम्टे के अनुसार प्रत्यक्षवाद प्रणाली के अंतर्गत सर्वप्रथम हम-
1. अध्ययन विषय को चुनते हैं और, फिर
2. अवलोकन या निरीक्षण द्वारा उस विषय से संबंधित प्रत्यक्ष होने वाले समस्त तथ्यों को एकत्रित करते हैं, और
3. इसके बाद इन तथ्यों का विश्लेषण करके सामान्य विशेषताओं के आधार पर इनका वर्गीकरण करते हैं और अंत में,
4. उसी विषय से संबंधित कोई निष्कर्ष निकालते हैं। इस प्रकार निरीक्षण परीक्षण और वर्गीकरण प्रत्यक्षवाद के नींव है|
काॅम्टे का कहना है की प्रत्यक्षवाद या विज्ञान उपस्थित घटना व तथ्यों के बाहर ना कुछ देखता है और ना पहचानता है। अर्थात जिन घटनाओं और तथ्यों को हम प्रत्यक्ष रूप से देख या निरीक्षण कर सकते हैं, प्रत्यक्षवाद का क्षेत्र वहीं तक सीमित है।
प्रत्यक्षवाद की विशेषताएं | प्रत्यक्षवाद की विशेषताओं का वर्णन कीजिए
अभी हम देखेंगे प्रत्यक्षवाद की विशेषताएं बताइए या प्रत्यक्षवाद क्या है इसकी मूल मान्यताएं एवं विशेषताएं बताइए इसके बारे में चर्चा करेंगे , यहाँ मान्यताएं व विशेषताएं दोनों एकही हैं जो की इस प्रकार से हैं -
1. कुछ निश्चित सामाजिक नियम- प्रत्यक्षवाद की प्रथम मान्यता यह है कि जिस प्रकार प्राकृतिक घटनाएं आकस्मिक नहीं होती, बल्कि कुछ निश्चित नियमों के अनुसार घटित होती हैं, उसी प्रकार समाजिक घटनाएं भी अनायास ही घटित होती हैं, समाज की प्रकृति का एक अंग है, अतः सामाजिक घटनाएं भी कुछ निश्चित नियमों के आधार पर गठित होती हैं और वास्तविक निरीक्षण परीक्षण और प्रयोग के द्वारा इन नियमों को खोजा जा सकता है। इस रूप में प्रत्यक्षवाद इस मान्यता पर आधारित है कि समाज सामाजिक नियमों के द्वारा संचालित और नियंत्रित होता है और इसलिए घटनाओं का अध्ययन वैज्ञानिक तरीके से संभव है।
2. यथार्थ ज्ञान - प्रत्यक्षवाद की दूसरी विशेषता यह है कि अपने को धार्मिक व दर्शनिक विचारों से दूर रखता है, और अपने को वैज्ञानिक अध्ययन प्रणाली के माध्यम से वास्तविक ज्ञान से संबंधित का मानता है। काॅम्टे के प्रत्यक्षवाद में अनुमान संयोग या सट्टेबाजी का कोई स्थान नहीं है। वह किसी भी निरपेक्ष विचार को स्वीकार नहीं करता, क्योंकि सामाजिक जीवन में परिवर्तन स्वाभाविक है। इस अर्थ में प्रत्यक्षवाद दूसरे के मुंह मीठा नहीं खाता, बल्कि वास्तविक निरीक्षण परीक्षण व प्रयोग द्वारा यथार्थ ज्ञान प्राप्ति पर बल देता है।
3. वैज्ञानिक दृष्टिकोण- प्रत्यक्षवाद का कोई संबंध काल्पनिक से नहीं है। उसका दृष्टिकोण वैज्ञानिक है और वह स्वयं विज्ञान है। ईश्वरी इच्छा हो या देवी विधान पर प्रत्यक्षवाद कोई आस्था नहीं है, वह तो स्वयं निरीक्षण, परीक्षण का प्रयोग को आधार मानकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अपना अध्ययन कार्य पूरा करता है।
4. वैज्ञानिक कार्यप्रणाली- प्रत्यक्षवाद वैज्ञानिक drishtikon से नहीं, लेकिन वैज्ञानिक कार्यप्रणाली से भी संबंधित होता है। इसका सरल अर्थ यह है कि प्रत्यक्षवाद के अंतर्गत घटनाओं का अध्ययन मानमाने ढंग से नहीं किया जाता। इसके लिए सुनिश्चित वैज्ञानिक पद्धति को अपनाया जाता है। इस वैज्ञानिक कार्यप्रणाली से संबंधित तथ्यों को वास्तविक निरीक्षण के आधार पर एकत्रित किया जाता है इस प्रकार संकलित तथ्यों का पुनरीक्षण किया जाता है, फिर उनका वर्गीकरण किया जाता है और तब अंत में अध्ययन विषय से संबंधित कोई निष्कर्ष निकालते हैं इस प्रकार प्रत्यक्षवाद निरीक्षण परीक्षण और प्रयोग और वर्गीकरण की कार्यप्रणाली से संबंधित होता है।
5. प्रत्यक्ष ना होने वाली घटनाओं से संबंध ना होना- प्रत्यक्षवाद का ऐसी किसी घटना से कोई संबंध नहीं होता, जिसे हम प्रत्यक्ष रूप में देख या निरीक्षण नहीं कर सकते। प्रत्यक्षवाद या अप्रत्यक्ष योग्य वास्तविक रूप में निरीक्षण योग्य घटनाओं तक ही सीमित होता है। अब तक स्वाद आ गया था और अप्रत्यक्ष के पीछे बिना किसी वास्तविक आधार के नहीं दौड़ता है। क्योंकि इस प्रकार की काल्पनिक दौड़ दौड़ ना किसी भी विज्ञान को शोभा नहीं देता। और ना ही किसी प्रकार का "ख्याली पुलाव" पक्का करवा अपने वैज्ञानिक स्तर पर स्थिर रह सकता है।
6. धर्म और विज्ञान का समन्वय- काॅम्टे का प्रत्यक्षवाद केवल 'विज्ञान' ही नहीं 'धर्म' भी है- मानवता का धर्म। यह प्रत्यक्षवाद पदार्थ भावना से प्रेरित मानवता के धर्म के आदर्शों पर आधारित एक नवीन समाज व्यवस्था की स्थापना को अपना प्रमुख उद्देश्य मानता है। प्रत्यक्षवाद से वास्तविक ज्ञान की प्राप्ति संभव है। वास्तविक ज्ञान समाज में बौद्धिक व नैतिक एकता को पनपाने में सहायक होता है। और इस प्रकार की एकता से मानव कल्याण सहज हो सकता है, इसी रूप में प्रत्यक्षवाद मानवता का धर्म है क्योंकि धर्म का भी अंतिम व परम उद्देश्य मानव कल्याण ही है।
7. सामाजिक पुनर्निर्माण का साधन- काॅम्टे का प्रत्यक्षवाद उपयोगितावादी विज्ञान है, और उस रूप में यह विश्वास करता है, कि प्रत्यक्षवाद के माध्यम से प्राप्त यथार्थ ज्ञान को सामाजिक में पुनर्निर्माण के साधन के रूप में प्रयुक्त किया जा सकता है। प्रत्यक्षवाद समाज में भय, असुरक्षा और स्वार्थ जैसी कोई चीज ना होगी अपितु प्रेम सद्भावना व सहयोग का राज्य होगा। समाज के इस पुनर्गठन में प्रत्यक्षवाद समस्त हिंसात्मक प्रणालियों से दूर रहने का आग्रह करता है।
1. प्रत्यक्षवाद के जनक कौन है?
"ऑगस्ट कॉम्टे [Auguste Comte]"
2. ऑगस्ट कॉम्टे का पूरा नाम
ऑगस्ट कॉम्टे का पूरा नाम "इसिडोर ऑगस्ट मैरी फ्रांस्वा जेवियर कॉम्टे" है , लेकिन समाजशास्त्रीय क्षेत्र में ये "ऑगस्ट कॉम्टे" के नाम से प्रसिद्ध हैं|
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ReplyDeleteWelcome' have a good day.
Deleteसराहनिय कार्य है
ReplyDeleteधन्यवाद! आपका दिन मंगलमई हो! ❤️❤️❤️
DeleteVery helpful
ReplyDeleteThankyou ❤️ have a good Day
ReplyDeletePratyaksh vad ka dosha bhi dal dijiye please.......
ReplyDeleteOf course
ReplyDeleteI wish go far in your life...
ReplyDeleteAs name suggests it is really a new friend who is always ready to help , thank u sooooooo much sir
ReplyDeleteThanks, it's very useful
ReplyDeletePrtiyakshwadi vichardhara kis se sambandhit h?please answer me
ReplyDeleteThank you ♥️
ReplyDeleteAuguste comte ke uttaradhikari koun hai? 🙏Please answer me....
ReplyDeleteThankyou you so much 😊
ReplyDeleteThankyou sir please apne YouTube ke bare main bataye
ReplyDeleteWelcome ❣️
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