कृषि किसे कहते हैं | krishi kise kahate hain
कृषि एक बहुत प्रचलित व्यवसाय है। मानव सभ्यता के विकास में स्थाई कृषि एक महत्वपूर्ण चरण था, भूमि अथवा मिट्टी को जोतने, बीज बोकर बीज उत्पन्न करने, इसके साथ ही सहायक के रूप में पशु पालने मत्स्यअखेट करने एवं वानिकी की संपूर्ण कार्य प्रणाली की कला एवं विज्ञान को कृषि कहते हैं।
इस प्रकार कृषक के बीज उत्पन्न करने एवं पशुपालन, मत्स्यअखेट, वानिकी सभी सम्मिलित हैं। इसी व्यवसाय से विश्व की समस्त जनसंख्या को भोजन प्राप्त होता है एवं वस्त्र व आवास संबंधी अधिकांश आवश्यक्ताओं की पूर्ति होती है।
कृषि के प्रकार
आपका सवाल :- कृषि के कितने प्रकार है, कृषि के प्रकार लिखिए?
भारत एक विशाल देश है यहां अनेक प्रकार की कृषि की जाती है। जैसे-
1. स्थानांतरण कृषि :- स्थानांतरण कृषि किसे कहते हैं ? इस कृषि के अंतर्गत कृषक अपना कृषि क्षेत्र बदलते रहता है। वनों को काटकर तथा झाड़ियों को जलाकर छोटे से भूखंड को साफ कर हल या अन्य किसी औजार द्वारा खोदकर उसमें बीज बो दिया जाता है। इस कृषि में मोटे अनाज जैसे - मक्का, ज्वार, बाजरा आदि उत्पन्न किए जाते हैं। जिन्हें स्थानांतरण कृषि कहा जाता है।
2. बागाती कृषि :- बहुत से देशों में किसी बागानों के रूप में किया जाता है। बड़ी-बड़ी उपजें बागानों में उत्पन्न होती हैं। भगति कृषि मे यह विशेषताएं पाई जाती है :-
बागाती कृषि या बागान कृषि की विशेषताएं
- इसके अंतर्गत विशिष्ट उपजों का ही उत्पादन किया जाता है। जैसे केला, रबड़, कहवा, चाय आदि।
- इस कृषि के उत्पादों का उपयोग समशीतोष्ण कटिबंधीय देशों द्वारा किया जाता है।
- यह कृषि फार्मों अथवा बागानों में की जाती है अधिकांश बाजारों में विदेशी कंपनियों का आधिपत्य रहा है।
3. गहनभरण कृषि :- यह कृषि उन देशों में विकसित हुई है। जहां उपजाऊ भूमि की कमी तथा जन आधिक्य पाया जाता है। अधिकांश मानसूनी देशों में यह कृषि की जाती है।
4. भूमध्यसागरीय कृषि :- इस कृषि का विस्तार भूमध्यसागरीय जलवायु प्रदेशों में हुआ है। यहां पर शीतकाल में वर्षा होती है तथा ग्रीष्म काल शुष्क रहता है। इस जलवायु की सबसे बड़ी विशेषता यह है की यहाँ दो प्रकार की फसलें उगाई जाती है |
- शीकीतकाल में वर्षा के कारण यहां गेहूं, आलू, प्याज, टमाटर तथा सेम की फसलें उत्पन्न की जाती है।
- ग्रीष्म काल में यहां की प्रदेश शुष्क होती है इसलिए यहां पर ऐसी फसले उत्पन्न की जाती है जिन्हें वर्षा की आवश्यकता कम होती है जैसे:- अंगूर, जैतून, अंजीर, सेब, नाशपति एवं सब्जियां ग्रीष्म काल की प्रमुख फसलें हैं।
5. व्यापारिक कृषि:- व्यापार के उद्देश्य से की जाने वाली कृषि को व्यापारिक कृषि कहते हैं। यह कम जनसंख्या वाले देशों में यह कृषि की जाती है। रूस, अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया आदि देश इसके अंतर्गत आते हैं।
व्यापारिक कृषि की विशेषता
- यहां पर जोतों का आकार बड़ा होता है, यानीकि बड़े क्षेत्र में कृषि की जाती है।
- फसल की अधिक पैदावार के लिए इस कृषि में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है।
- गेहूं इस कृषि की प्रमुख उपज है।
- इस प्रकार की कृषि मशीनों द्वारा की जाती है।
6. मिश्रित खेती :- मिश्रित खेती में कृषि कार्यों के साथ-साथ पशुपालन व्यवसाय भी किया जाता है, यहां पर कुछ फसलों का उत्पादन मानव के लिए तथा कुछ का उत्पादन पशुओं के लिए किया जाता है। इन प्रदेशों में चौपाये, भेड़, बैल, बकरियां, गधे आदि भी पाए जाते हैं। इस प्रकार कि की जाने वाली कृषि को हम मिश्रित खेती करते हैं।
7. फलों एवं सब्जियों की कृषि :- नगरीय केंद्रों में समीपवर्ती कृषि क्षेत्रों में एवं फल एवं सब्जियों का उत्पादन अधिक मात्रा में किया जाता है बाजार केंद्र का नजदीक एवं परिवहन साधनों की सुविधा के आधार पर इस कृषि का विकास हुआ है। कैलिफोर्निया घाटी, फ्लोरिडा, अंध महासागर के तटीय प्रदेशों में यह कृषि की जाती है।
8. शुष्क कृषि :- यह कृषि पूर्णता वर्षा पर निर्भर रहती है। देश की कुल कृषि भूमि के 70% भाग पर या कृषि की जाती है।
इन स्थानों में दालें, तिलहन, मूंगफली, ज्वार, बाजरा और मक्के की कृषि की जाती है। शुष्क प्रदेशों में शुष्क कृषि तकनीक को अपनाते हुए कृषि की जाती है जो निम्नानुसार है।
- वर्षा को एकत्र रखने का प्रयास किया जाता है।
- खेतों को वर्षा होने के पहले जोता जाता है।
- ऐसी बीजों का उपयोग किया जाता है जो कम सिंचाई में भी अधिक उत्पन्न हो।
- सिंचाई सुविधा जुटाया जाता है।
9. सहकारी कृषि :- ऐसे कृषि क्षेत्रों में छोटे-छोटे खेतों के स्वामी को सामूहिक खेती करने हेतु प्रेरित किया गया। सभी कृषक अपनी-अपनी कृषि योग्य जमीन मिलाकर फार्म बना लेते हैं। वह सभी मिलकर मालिक की तरह लगन और छमता से कार्य करते हैं। तथा उत्पादन से अपनी खेत की रकम को बराबर बात लेते हैं। भारतवर्ष में भी इस कृषि पद्धति को प्रोत्साहन दिया जा रहा।
10. विस्तृत कृषि :- जीन क्षेत्रों में कृषि योग्य भूमि अधिक उपलब्ध होती है, वहां यह कृषि की जाती है, यहां अधिकांशतः कृषि मशीनों द्वारा की जाती है इसका कारण यह है कि यहां श्रम शक्ति का अभाव पाया जाता है। वहां भी कृषि भूमि के बड़े-बड़े फार्म बनाए जाते हैं। इस प्रकार की कृषि संयुक्त राज्य अमेरिका, अर्जेंटीईना, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्राजील आदि देशों में की जाती है।
इन्हें भी पढ़ें:-
Nice
ReplyDeleteThankyou ❤️❤️❤️❤️
Delete👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻
ReplyDeleteThankyou ❤️❤️❤️❤️ have a good day...
DeleteThanks 😊
ReplyDeleteWelcome' have a good day ❤️❤️❤️❤️
DeleteNice redeing
DeleteThankyou ❤️
Delete😊😊🍫🍫❤️❤️❤️🥳🥳🎉🎂🎂🎂🙏🏻🙏🏻🦖🦖🦖🦖🦖😍🍰🎉👍🦎🐉🐉🐽🐽🐉🐉🐷🦝🐮😚😘🎊🎊😾😿🙀🕳️😽💤🦷🦴💀👀👁️🦿🦵🦾✍️🤳🙏🏻💅💅🙆🙅🙅🙅🧖🧖🧖🧍🧍🚶🚶🚶🚶🧖🧖🧖🧖🧖🧖🧖🧖🧖🧖🧖🚶🚶🚶🤸🤸🤸🏋️🛌🧘🧖🚶🚶🛀🤷🤷🤷🤷🤷🤷🤷🤦🤦🙍🙎🙎🤹🤹🤹🤼🤼🧗🧗🚵🚵🚵🚵🚵🧍🧍🏃🧎👩🦽🚶🤸🤸🏋️🏋️🏋️⛹️⛹️🤾👩🦯👩🦼👩🦼👩🦼👩🦼👩🦼🤾🤾⛹️👩🦯🧘🧘🧘🧘🛌🛌🛌🛌🛌🛀🛀🛀🛀🛀🛀🧖🧖🏊🏊🏊🏊🏄🏄🪂🪂🏂🏂🏂🪂🪂🚣🏊🏊🤽🤽🧜🧜🧚🧚🧚🧚🧞💂💂💂👼🤶🤶🤶🦹
ReplyDeleteBadiya bro mujhe isse bahut help mili
ReplyDeleteThankyou ❤️❤️
DeleteThanks 👍🙏
ReplyDeleteHalo mujko eagles
ReplyDelete😘😘😘
ReplyDelete