बौद्ध धर्म की भारतीय संस्कृति को देन

बौद्ध धर्म ने भारतीय संस्कृति को व्यापक रूप में प्रभावित किया। हमारे भारत देश में बौद्ध धर्म के अनुयाई बहुत ही कम हैं और बौद्ध धर्म भारत में लगभग लुप्त हो ही गया है। लेकिन इस धर्म के प्रभाव में आज भी भारतीय संस्कृति में दृष्टिगोचर होता है। भारत में अहिंसा, सहिष्णुता, परोपकार, दया, मानव कल्याण की भावनाओं को विकसित करने का श्रेय बौद्ध धर्म को ही जाता है। बौद्ध धर्म प्राचीन काल से हमारे भारत का राष्ट्रीय धर्म रहा है। अतः इस धर्म में हमारे भारतीय संस्कृति को बहुत कुछ प्रदान किया है।

बौद्ध धर्म की भारतीय संस्कृति को देन

1. साहित्य के क्षेत्र में- साहित्य के क्षेत्र में बौद्ध धर्म की देन अविस्मरणीय रही है। बौद्ध धर्म ने भारतीय संस्कृति के क्षेत्र में बहुत अधिक वृद्धि की। बौद्ध धर्म के लोगों द्वारा लिखी पाली भाषा में लिखित जातक साहित्य से भारत के विभिन्न पहलुओं के विषय में जानकारी प्राप्त होती है। बौद्ध धर्म के लोगों ने ना केवल पाली भाषा बल्कि संस्कृत भाषा में भी अनेक ग्रंथों की रचनाएं की। इन ग्रंथों से हमें दांत कालीन भारत के विषय में विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त होती हैं।
2. दर्शन के क्षेत्र में- बौद्ध धर्म ने दर्शन के क्षेत्र में भी भारतीय संस्कृति को बहुत बड़ा योगदान दिया है। जैसे प्रतीत्य-समुत्पाद, शून्यवाद, योगाचार, सौतांत्रिक विज्ञानवाद आदि अनेक विचारधारा ने भारतीयों को प्रभावित किया। लेकिन आज बौद्ध धर्म विलुप्त हो चुकी है लेकिन आज भी बौद्ध धर्म दर्शन का महत्व वैसे ही बना है जैसे पहले था अतः कहा जा सकता है कि दर्शन के क्षेत्र में बौद्ध धर्म की देन अविस्मरणीय है।
3. धर्म के क्षेत्र में- धर्म के क्षेत्र में बौद्ध धर्म में बहुत कुछ दिया है, जैसे हिंदू धर्म में यज्ञ, बली, कर्मकांड आदि आडंबर के स्थान पर मानवता, स्नेह, सौहार्द की भावना का विकास हुआ।
4. कला के क्षेत्र में- साहित्य दर्शन और धर्म के साथ-साथ बौद्ध धर्म ने भारतीय संस्कृति को बहुत कुछ दिया है। ‌ जैसे मूर्तिकला, शिल्प कला आदि। गुहा मंदिर स्तंभ स्तूप बौद्ध धर्म की ही देन है। कला के क्षेत्र में अजंता, एलोरा, बाघ आदि सभी बौद्ध काल की स्थापत्य कला और चित्रकलाकृतियां हैं।
5. सामाजिक क्षेत्र में- सामाजिक क्षेत्र में बौद्ध धर्म ने बहुत अधिक योगदान दिया है। बौद्ध धर्म में सामाजिक समानता स्थापित करने का प्रयास किया और जाति-प्रथा, वर्ग का तिरस्कार किया और शूद्रों एवं स्त्रियों के लिए बौद्ध धर्म के दरवाजे खोल दिए। इसका प्रभाव भारतीय संस्कृति पर भी पड़ा अब हिंदू धर्म में भी शूद्रों और स्त्रियों की स्थिति में परिवर्तन हुआ।
6. आचार-विचार के क्षेत्र में- सत्य सेवा त्याग परोपकार एवं पेंशन आदि संस्कृतियों प्रारंभ से ही आदर्श रही है लेकिन बौद्ध धर्म के उत्थान के समय भारतीय संस्कृति विलुप्त होने लगी तभी बौद्ध धर्म ने ‘दक्ष शील’ को अपनाकर भारतीयों में नैतिकता और अच्छे आचरण का मार्ग दिखाया और विलुप्त हो रहे भारतीय संस्कृति को पुनः जीवनदान दिया।
7. प्रशासनिक क्षेत्र में- राजनीतिक दृष्टि से बौद्ध धर्म भारतीय संस्कृति के पतन का कारण बना, लेकिन भारतीय शासकों में लोक सेवा की भावना को पुनः जाग्रत करने का श्रेय बौद्ध धर्म को ही जाता है। आता है या कहा जा सकता है कि बौद्ध धर्म ने प्रशासन नीति को प्रभावित किया।
8. संघ व्यवस्था- हिंदू समाज में संघ के संगठन को महत्वपूर्ण दिन मानी जाती है, भिक्षु संघों की स्थापना बौद्ध काल से शुरू हुई। संघ द्वारा धर्म का प्रचार बौद्धों ने किया, इस प्रकार संघ का प्रचार हुआ। पहले हिंदू धर्म में इस प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं थी। इस तरह से धर्म प्रचार हेतु नए तरीके का प्रचलन शुरू हुआ।

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