फासीवाद का जन्म कहां हुआ
फासीवाद का जन्म इटली में हुआ था।
फासीवाद के प्रणेता कौन थे
फासीवाद के प्रणेता बेनिटो मुसोलिनी था।
फासीवाद का अर्थ
फासीवाद का अर्थ है लकड़ी का बंधा हुआ गट्ठा और कुल्हाड़ी। यहां लकड़ी का गट्ठा यानी एकता का प्रतीक है और कुल्हाड़ी यानी शक्ति का प्रतीक है। इसकी उत्पत्ति लैटिन भाषा के Fasio से हुई है। जिसका अर्थ एकता शक्ति होता है।
इटली में फासीवाद के उदय के कारण
1. पेरिस शांति सम्मेलन- प्रथम विश्वयुद्ध में इटली मित्र राष्ट्रों की ओर से लड़ा था वह विजय राष्ट्रों में था लेकिन पेरिस शांति सम्मेलन ने उसकी उपेक्षा की गई उसे युद्ध के बंटवारे में नाम मात्र का क्षेत्र मिला जिससे इटली वासियों में सरकार के प्रति अत्यंत आक्रोश पैदा हुआ।
2. आर्थिक असंतोष- विश्वयुद्ध में इटली ने लगभग 12 अरब डॉलर खर्च किए थे युद्ध के बाद व्यापार-व्यवसाय कमजोर हो गया। महंगाई बढ़ गई भुखमरी और बेरोजगारी छा गई इस समय आर्थिक समस्या को हल करने का भी वादा किया जिससे जनता का आकर्षण उस ओर बढ़ा।
3. साम्यवाद का प्रभाव- सन 1919 के चुनाव में समाजवादी दल को 156 स्थान प्राप्त होने से लेनिन के समाजवाद का प्रचार होने लगा बड़े-बड़े भूपति और उद्योगपति भयभीत हो गई कि अब मजदूरों की सरकार बन जाएगी इस कारण से फासिस्ट दल की ओर मोड़ने लगे क्योंकि फासिस्टवाद, साम्यवाद का कट्टर विरोधी था
4. मुसोलिनी का व्यक्तित्व- इस समय में जब देश की जनता निराश थी इटली की सरकार भी समस्याओं को सुलझाने में असमर्थ हो रही थी तब राष्ट्रवादियों को मुसोलिनी जैसा नायक नहीं मिला। जिसने अपने भाषणों में स्पष्ट किया कि वह इटली को एक श्रेष्ठ राष्ट्र बना देगा।
5. इटली के लोगों में एकता का अभाव- इटली में अनेक राजनीतिक दल थे जो लोकतांत्रिक शासन प्रणाली में विश्वास करते थे लेकिन उनमें एकता का अभाव था। इस कारण आतंकवादियों का प्रभाव बढ़ता जा रहा था अतः फासीवाद की सफलता का यह भी कारण था।
फासीवाद के प्रमुख सिद्धांत | फासीवाद की प्रमुख विशेषताएं
1. व्यक्तिवाद का विरोध- फासीवाद राज्य और उसकी स्वतंत्रता को सर्वोपरि मानता था उसने व्यक्तिवाद का पूर्णता विरोध किया।
2. लोक कल्याण की भावना- फासीवाद का मुख्य सिद्धांत वर्ग संघर्ष को समाप्त कर लोक कल्याण की भावना को स्थापित करने का प्रयास किया जाना है।
3. विश्व शांति का विरोधी- यह सिद्धार्थ विश्व शांति का विरोधी था इसके अनुसार राजनीति में वास्तविकता होना चाहिए।
4. वर्ग समूह की भावना- यह सिद्धांत कार्ल मार्क्स के वर्ग सिद्धांत को नहीं मानता बल्कि संपूर्ण वर्ग मिलाकर एक नैतिक और आर्थिक तत्वों का निर्माण करते हैं।
5. एक दल की सर्वोच्चता- फासीवाद ने राज्य के एक ही दल की सर्वोच्च स्तर पर बल दिया गया।
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Hello sir ji Help me i am sanjay Singh
ReplyDeleteAapse sajha karna chahataa hu
Contract number se aap help karo...
DeleteAise publicly Contact number Share nhi kar sakta hun, kripya Email ke jariye apani samsya batayen... & Thankyou and have a good day..
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