जर्मनी में नाजीवाद के उदय के कारण, उद्देश्य, सिद्धांत

नाजीवाद के उद्देश्य क्या थे

नाजीवाद के उद्देश्य से इस प्रकार से हैं_

1. यहूदियों से बदला लेना।
2. वर्साय की संधि से अपमान का बदला लेना।
3. जर्मनी की सैन्य शक्तियों का विकास करना।
4. जर्मनी के खोए हुए उपन्यासों को प्राप्त करना और साम्राज्य का विस्तार करना।
5. राष्ट्रीयता की भावना का जोरों शोरों से प्रचार करना।
6. नाजीवाद का उदय करना और प्रसार करना।

नाजी का पूरा नाम क्या है?

नाजी शब्द का पूरा नाम नेशनल सोशलिस्ट जर्मन वर्कर्स पार्टी (National Socialist German Workers Party) है।

नाजीवाद के उदय के कारण

1. वर्साय की संधि- प्रथम विश्व युद्ध के बाद जर्मनी के साथ वर्साय की संधि 1919 ई. में की गई, जिसकी शर्तें जर्मनी के लिए अत्यंत अपमान जनक थी, हिटलर ने जनता से सरकार के विरुद्ध अपील की और कहा कि नाजी दल इन अपमानजनक शब्दों को फाड़कर फेंक देगा। इससे नाजीवाद का जनता पर विश्वास बढ़ने लगा।

2. आर्थिक संकट- सन् 1929 से 1933 के मध्य जर्मनी की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी थी, हिटलर ने किसानों, मजदूरों, व्यापारियों और उद्योगपतियों आदि को विश्वास दिलाया कि इस आर्थिक संकट से बचने का वचन देकर सभी को नाजीवाद की ओर आकर्षित किया।

3. साम्यवाद का उदय- रूस की क्रांति 1917 ई. से उत्पन्न साम्यवाद जर्मनी में भी बढ़ता जा रहा था। इससे पूंजीपतियों को बेचैनी छाई रहती थी। हिटलर साम्यवाद का कट्टर विरोधी था। जिसके कारण पूंजी पतियों का विश्वास नाजीवाद पर बढ़ने लगा।

4. यहूदी विरोधी भावना- दो अन्य पार्टियां कम्युनिस्ट तथा समाजवादी लोकतंत्र पार्टी में जर्मनी में कार्य कर रही थी, लेकिन वे नाजीवाद का विरोध नहीं कर सकी।

5. राष्ट्रपति द्वारा हिटलर को चांसलर के रूप में नियुक्ति- चुनाव में नाजीवाद की हार के बावजूद 1933 ईस्वी में नाजीवाद के सिद्धांत एवं कार्यक्रमों से प्रभावित होकर राष्ट्रपति ने हिटलर को जर्मनी का चांसलर बनाया और धीरे-धीरे उसका सत्ता पर अधिकार हो गया।

नाजीवाद के प्रमुख सिद्धांत

नाजीवाद के प्रमुख सिद्धांत इस प्रकार से हैं-

1. युद्ध में विश्वास- नाजीवाद युद्ध में विश्वास करता था, हिटलर युद्ध को जीवन के लिए अनिवार्य मानता था।

2. जनतंत्र विरोधी- नाजीवाद अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं जनतंत्र का विरोधी था और संसदीय संस्थाओं का अंत करने में समर्थक था।

3. महान नेता का गुणगान - नाजीवाद में किसी महान नेता की महिमा का गुणगान एवं उनके आदेशों का पालन करना अनिवार्य था।

4. व्यक्ति के स्थान को कम समझना- नाजीवाद के व्यक्तियों को राज्य की तुलना में कम या छोटा समझा जाता था।

5. यहूदियों के प्रति घृणा- हिटलर यहूदियों से घृणा करता था और उन्हें हर प्रकार से पीड़ित और अपमानित करता था।

6. अधिनायक तंत्र में विश्वास- नाजीवाद एक दल एक नेता और एक शासन का समर्थक था, हिटलर ने नाजीवाद को छोड़कर सभी दलों को समाप्त कर दिया, किसी को भी नाजी सरकार की आलोचना का अधिकार नहीं था।

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