विपणन प्रबंध का अर्थ, परिभाषा, उद्देश्य, महत्व

विपणन प्रबंध का अर्थ

विपणन प्रबंध क्या है: विपणन प्रबंध, प्रबंध की एक शाखा है जिसमें किसी संस्था के विपणन कार्यों को नियोजित, सुव्यवस्थित एवं  नियंत्रित करता है।

विपणन प्रबंध उपभोक्ताओं के महत्व को दर्शाती है और ग्राहकों को ऐसा केंद्र बिंदु मानती है कि उसके चारों ओर व्यापारिक क्रियाएं संगठित एवं संचालित करती है।

जब व्यापार विपणन के सिद्धांत के अनुसार चलता है तो नवीनीकरण विपणन प्रबंधन एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाता है असली बाजार की प्रतिस्पर्धा को स्वीकार करना और व्यापारिक अवसरों को अपने अनुकूल बनाने के लिए उत्पाद उन तरीकों का एक संगठन में नियोजित नवीनीकरण की आवश्यकता होती है, नियोजित नवीनीकरण एक आधुनिक विपणन धारणा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

जहां पर नवीनीकरण नहीं है, वहां पर व्यापार का कोई अस्तित्व नहीं है वे व्यापार जो नवीनीकरण को नहीं अपनाते वे परिवर्तन के शिकार हो जाते हैं क्योंकि इन कंपनियों ने ग्राहकों की बदलती हुई आवश्यकताओं का ध्यान नहीं रखा होता है उन्होंने ग्राहकों की इच्छाओं के अनुसार कार्य नहीं किया होता है जिस वजह से इन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है।


विपणन प्रबंध की परिभाषा

1. फिलिप कोटलर के अनुसार- “संगठनात्मक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए बनाए गए विपणन कार्यक्रमों का विश्लेषण नियोजन क्रियान्वयन एवं नियंत्रण ही विपणन प्रबंध है।”

2. विलियन जे. स्टैंटन कैंसर के अनुसार- “विपणन विचार का क्रियात्मक रूप ही विपणन प्रबंध होता है।”


विपणन प्रबंध के उद्देश्य

विपणन एक विस्तृत शब्द है जिसमें उत्पादन से लेकर क्रय-विक्रय के पश्चात सेवा भी शामिल है। अतः इन सभी क्रियाओं के लिए उचित संगठन नियोजन नियंत्रण संप्रेषण एवं समन्वय की आवश्यकता होती है। विपणन के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार से हैं_

  1. विपणन व्ययों में कमी लाना- बाजार में वस्तुओं की लागत कम से कम करने का प्रयास प्रयास किया जाता है किसी वस्तु की कीमत उत्पादन लागत से काफी अधिक होती है क्योंकि उत्पादन के पश्चात वितरण एवं विक्रय के समस्त व्यय भी जोड़ दिए जाते हैं और इन व्यायाम में कमी लाना विपणन प्रबंध का पहला उद्देश्य होता है।
  2. विपणन कार्यों का नियोजन करना- विपणन के अंतर्गत क्रेताओं की खोज करना, उपभोक्ताओं के अनुकूलन वस्तुओं का निर्माण करना, उचित मूल्य निर्धारित करना, उचित परिवहन एवं भंडारण की व्यवस्था करना, इन सभी कार्यों को एक योजना के अनुसार करने के लिए विपणन प्रबंध आवश्यक है।
  3. विपणन का उचित संगठन करना- बिना विपणन संगठन के विपणन कार्य आसानी से नहीं किया जा सकता है। अतः विपणन के समस्त कार्यों में उचित संगठन व्यवस्था का विकास करना विपणन प्रबंध का महत्वपूर्ण देश है।
  4. विपणन का उचित नेतृत्व करना- खराब नेतृत्व अच्छे से अच्छे संगठन व्यवस्था को नष्ट कर देता है विपणन कार्यों का निष्पादन सही एवं योग्य व्यक्तियों के द्वारा संपन्न किया जाना चाहिए यह विपणन प्रबंध का उद्देश्य होता है।
  5. विकास कार्यों का मूल्यांकन करना- विपणन के अंतर्गत हुए सभी कार्य किए जाते हैं जो कार्य निर्धारित मापदंड एवं लक्ष्य के अनुरूप हो रहे हैं या नहीं इसका मूल्यांकन विपणन प्रबंध के अंतर्गत किया जाता है। कार्यों का मूल्यांकन आवश्यक होता है ताकि उनकी गुणवत्ता को मापा जा सके।
  6. विपणन कार्यों में समन्वय बनाना- विपणन के प्रत्येक कार्य का एक दूसरे से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष संबंध होता है। इन कार्यों के मध्य उचित समन्वय बनाए रखने का कार्य विपणन प्रबंध की कर सकता है।

विपणन प्रबंध का महत्व

  1. विपणन प्रबंध व्यवसाय को आगे रहने और प्रतिष्प्रधा को समझने मे मदद करता है।
  2. बिना रणनीति के कोई भी कंपनी या व्यवसाय ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित नहीं कर सकती है, इसलिए विपणन प्रबंध बाजार को समझने मे सहायता करता है।
  3. एक व्यवसाय के लिए विपणन प्रबंध सफलता की चाभी है, इसके बिना कोई भी व्यवसाय आगे नहीं ज सकता है।
  4. व्यवसाय के लिए विपणन प्रबंध आवश्यक है क्योंकि यह निर्धारित करता है की कोई कंपनी अपने लक्षित बाजार तक कैसे पंहुचेगी और अपने ग्राहकों के साथ किस प्रकार का व्यवहार करेगी।
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