विज्ञापन का क्या अर्थ है, परिभाषा, विशेषताएं, उद्देश्य, लाभ, अवधारणा

विज्ञापन का क्या अर्थ है

विज्ञापन का अर्थ- विज्ञापन अंग्रेजी के Advertisement शब्द का हिंदी रूपांतर है, विज्ञापन शब्द दो शब्दों वि + ज्ञापन से मिलकर बना है, जिसका आशय विशेष जानकारी देने से है इस प्रकार विज्ञापन शब्द से तात्पर्य विशिष्ट जानकारी प्रदान करना है।

विज्ञापन मांग में वृद्धि करने की एक ऐसी कला है, जो मौखिक, लिखित और अन्य कई माध्यम से वस्तुओं और सेवाओं का प्रचार प्रसार किया जाता है जिससे उन वस्तुओं और सेवाओं के लिए उपभोक्ताओं को प्रेरित किया जा सके।

विज्ञापन के अंतर्गत वे सभी क्रियाएं सम्मिलित हैं जिनके द्वारा व्यक्ति को वस्तुओं और सेवाओं की सूचना दी जाती है। जिससे व्यक्ति उन वस्तुओं और सेवाओं का उपयोग अपने निजी जीवन में कर सके।

विज्ञापन का तात्पर्य सामान्य शब्दों में कहें तो विज्ञापन एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिए कम से कम समय में वस्तुओं और सेवाओं को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने का उत्तम साधन है।

विज्ञापन की परिभाषा

1. डॉ. जॉन्स के अनुसार- “विज्ञापन उत्पादन को बहुत बड़ी मात्रा में बेचने की मशीन है जो विक्रेता के व्यक्तित्व को सहायता पहुंचाती है।”

उदाहरण के तौर पर समझे तो- मान लीजिए कोई एक बहुत बड़ी कॉपी बनाने की कंपनी है और वह कंपनी अपनी कॉपी को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा कर या बेच कर उससे पैसा कमाना चाहती है तो ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए वह TV में NEWSPAPER में RADIO आदि में अपने कंपनी या कॉपी के बारे में विज्ञापन जारी करेगी जिससे उपभोक्ता यानी हमारे जैसे लोग उस कॉपी को खरीदेंगे जिससे कंपनी को लाभ मिलेगी।

2. लस्कर के अनुसार- “विज्ञापन मुद्रण के रूप में विक्रय कला है।”

अगर इसे हम उदाहरण के तौर पर ले तो- इसका मतलब होता है कि विज्ञापन दिखाकर अपने उत्पाद को ज्यादा से ज्यादा लोगों को बेचकर पैसे कमाना होता है।

विज्ञापन की विशेषताएं

1. अव्यक्तिक संचार- इसका मतलब होता है कि विज्ञापन किसी एक विशेष व्यक्ति के लिए नहीं होता है बल्कि विज्ञापन सभी लोगों के लिए होता है।

2. विज्ञापन प्रकाशन से भिन्न है- विज्ञापन खुला होता है जबकि प्रकाशन बंद रहता है विज्ञापन और प्रकाशन दोनों के स्वभाव और उद्देश्य अलग-अलग होते हैं।

3. व्यापक संचार- विज्ञापन किसी एक प्रकार से नहीं दिखाए जाते हैं बल्कि अन्य कई प्रकार से दिखाए जाते हैं जैसे- पात्र, तार, टेलीफोन, पत्र पत्रिकाएं, समाचार पत्र, टेलीविजन, आकाशवाणी आदि के माध्यम से विज्ञापन किया जाता है। इस प्रकार विज्ञापन में व्यापक संचार साधनों का प्रयोग किया जाता है।

4. ग्राहक बनाने का उद्देश्य- विज्ञापन का प्रथम उद्देश्य ग्राहक बनाना है, नए ग्राहक बनाना और पुराने ग्राहकों को स्थाई ग्राहक बनाकर अपनी वस्तु एवं सेवाओं का लाभ देना विज्ञापन का उद्देश्य है।

विज्ञापन के उद्देश्य

विज्ञापन के प्रमुख विदेश से इस प्रकार से हैं-

1. विक्रयकर्ता की सहायता करना- विज्ञापन के द्वारा ग्राहकों को वस्तुओं के लक्षण और उनके गुण तथा स्रोतों के बारे में आवश्यक जानकारी दी जाती है। इससे विक्रय करता का काम आसान हो जाता है एक एक व्यक्ति को यह बताना नहीं पड़ता है कि यह प्रोडक्ट या सामान किस काम आता है। यह कार्य विज्ञापन के द्वारा आसानी से हो जाता है जिससे विक्रयकर्ता को कम समय में कम कार्य करना पड़ता है।

2. व्यापारिक संबंधों को सुधारना- विज्ञापन पुराने व्यापारियों को लाभ की ओर ले जाता है और नए व्यापारियों को नई वस्तु बेचने के लिए प्रेरित करता है।

3. विक्रयकर्ता के पहुंच से बाहर के लोगों को संपर्क करना- विज्ञापन एक सार्वजनिक प्रसारण है जिसकी सूचना दूर-दूर तक तथा अधिक व्यापक वाले क्षेत्र में प्रसारित की जाती है इसलिए विज्ञापन उन लोगों तक पहुंचा जा सकता है जिन तक विक्रेता नहीं पहुंच सकते हैं।

4. नई वस्तु का बाजार में प्रवेश करना- किसी भी अन्य वस्तु को बाजार में लाने से पहले ग्राहकों को इसके संबंध में पर्याप्त सूचना देनी पड़ती है और इसकी मांग उत्पन्न करनी पड़ती है। विज्ञापन ग्राहकों को नई वस्तु की पूर्ण जानकारी देकर इसकी मांग उत्पन्न करता है। और वस्तु के नाम पैकिंग मूल्य आदि में परिवर्तन की जानकारी ग्राहकों को देता है।

5. प्रतिस्पर्धा का सामना करना- वस्तु की मांग हमेशा बनाए रखने के लिए समय-समय पर वस्तु के संबंध में सभी प्रकार के अफवाह को दूर करना आवश्यक है। इसके अलावा बाजार में वस्तुओं की मांग बढ़ाने के लिए विज्ञापन का उपयोग किया जाता है। विज्ञापन द्वारा वस्तु की नकल के संबंध में चेतावनी भी दी जाती है।

6. व्यवसाय की ख्याति बढ़ाना- विज्ञापन का उद्देश्य विज्ञापन करने वाली संस्था की ख्याति में वृद्धि करना है। ताकि लोग हमेशा इसकी और आकर्षित हो सकें। ‌ हमेशा विज्ञापन दिखाने या देखने से संस्था या कंपनी की लोकप्रियता बढ़ती है।

7. नई मांग उत्पन्न करना- विज्ञापन नए बाजारों में नए ग्राहक समूह और वस्तुओं की मांग उत्पन्न करता है। जो व्यक्ति पहले वस्तु का उपयोग नहीं करता था उन्हें वस्तु को खरीदने के लिए प्रेरित किया जाता है।

विज्ञापन करने के माध्यम कौन-कौन से हैं

विज्ञापन करने के माध्यम इस प्रकार से हैं-

  1. डाक द्वारा विज्ञापन
  2. प्रेस विज्ञापन
  3. दूरदर्शन
  4. आकाशवाणी
  5. समाचार पत्र
  6. बाह्य विज्ञापन

बाह्य विज्ञापन क्या है

बाहे विज्ञापन बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होती है और ग्राहकों को शीघ्र आकर्षित करके उन्हें विज्ञापन के संदेश देती है। बाहे विज्ञापन के कई सारे रूप होते हैं जैसे- पोस्टर, विज्ञापन पट, इश्तेहार, विद्युत प्रदर्शन, लाउडस्पीकर आदि। यह सभी महत्वपूर्ण एवं सार्वजनिक स्थानों पर अर्थात जहां पर ज्यादा भीड़ भाड़ होती है वहां आने जाने वाले लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं और पोस्टर भी चिपकाए जाते हैं उन्हें बाह्य विज्ञापन कहते हैं।

समाचार पत्रों में विज्ञापन के क्या लाभ हैं

अक्सर आपने देखा होगा कि समाचार पत्र में बहुत ही ज्यादा मात्रा में विज्ञापन दिए जाते हैं आई एम जानते हैं कि इस विज्ञापन के क्या-क्या लाभ होते हैं_

  1. व्यापकता रहती है - अर्थात समाचार पत्र के माध्यम से विज्ञापन में व्यापकता आती है इसका मतलब है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचती है।
  2. स्थाई प्रभाव - समाचार पत्र के माध्यम से विज्ञापन स्थाई हो जाते हैं क्योंकि समाचार पढ़ना लोग कभी नहीं छोड़ेंगे, हर कोई देश विदेश की जानकारी रखना चाहता है और देश और दुनिया में क्या-क्या हो रही है यह सब समाचार पत्रों के माध्यम से ही हमें पता चलता है, इसलिए समाचार पत्र में विज्ञापन का स्थाई प्रभाव पड़ता है क्योंकि यह हमेशा रहने वाला है।
  3. मितव्ययिता- मितव्ययिता का अर्थ होता है कम खर्च, अर्थात समाचार पत्रों में जब भी कोई कंपनी अपना विज्ञापन देती है तब इसमें विज्ञापन का जो खर्च होता है वह काफी कम होता है इससे कंपनी को फायदा होता है कम खर्च में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपने प्रोडक्ट की जानकारी पहुंचाई जाती है।
  4. विश्वासनीय- समाचार पत्रों में जो भी विज्ञापन दिए जाते हैं वह विश्वास करने योग्य होते हैं हालांकि कुछ विज्ञापन ऐसे भी होते हैं जो ठगी करने वाले होते हैं लेकिन अक्सर यह देखा गया है कि अधिकतर विज्ञापन विश्वासनीय होते हैं।

विज्ञापन की अवधारणा

विज्ञापन की अवधारणा में कुछ लोगों का कहना है कि विज्ञापन अनावश्यक एवं हानिकारक है विज्ञापन के बारे में सब के अलग-अलग विचार हैं और उनका विचार इस प्रकार से है-

1. विज्ञापन जनता को आवश्यक वस्तुएं खरीदने के लिए प्रेरित करती है। इससे लोगों की आवश्यकताएं बढ़ जाती है और वे लोग नए-नए वस्तुओं को खरीदने की इच्छा रखते हैं। यदि उनके साधन उपलब्ध ना हो तो वे उन वस्तुओं का उपयोग करने से वंचित रहते हैं। जिससे उनके मन में असंतोष उत्पन्न होती है कृत्रिम रहन-सहन को बनाए रखने के लिए लोग अनुचित तरीके अपनाते हैं जिससे चोरी, भ्रष्टाचार, विकार आदि जन्म लेते हैं उनका बजट असंतुलित हो जाता है और पारिवारिक जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है लोग विलासिता पूर्ण जीवन व्यतीत करते हैं और अपनी आय को बर्बाद करते हैं।

2. कुछ लोगों का कहना है कि विज्ञापन से वितरण की लागत में वृद्धि होती है और ग्राहकों को वस्तु की अधिक कीमत देनी पड़ती है। वास्तव में विज्ञापनों के माध्यम से वस्तु की मांग और उत्पादन विधि होती है। बड़े पैमाने पर उत्पादन के कारण वस्तु की प्रति इकाई लागत कम हो जाती है। अतः विज्ञापन लागत तथा मूल्य को तभी बढ़ाता है जब वह अकुशल एवं प्रभावित हो गया हो।

3. विज्ञापन किसी विशेष ब्रांड को एकाधिकार प्रदान करता है। विज्ञापन से कुछ निर्माता अपनी वस्तु को इतना अधिक लोकप्रिय बना देते हैं कि छोटे उत्पादक उसके सामने टिक नहीं पाते हैं। यदि उनकी वस्तु सस्ती एवं अच्छी है तो उन्हें लोकप्रिय ब्रांड के सामने विक्रय करने में बहुत कठिनाई होती है।

4. विज्ञापन फैशन तथा रुचि परिवर्तन को बढ़ावा देता है। निर्माता एवं व्यापारी लोग वस्तु का उपयोग जीवन समाप्त होने से पहले उसे बेकार बना देते हैं। वस्तु में नाम मात्र का परिवर्तन करने के लिए मशीनों आदि को बदलना पड़ता है। इससे राष्ट्र के साधनों का दुरुपयोग होता है जैसे अमेरिका में लोग जल्दी जल्दी कार का मॉडल बदलते रहते हैं। जिससे पुरानी कारें बेकार हो जाती है।

5. हर विज्ञापन सही जानकारी नहीं दे सकता विज्ञापन में जानकारी को तोड़ मरोड़ कर प्रकट किया जाता है जिससे ग्राहक हमारे जैसे जो लोग होते हैं वह धोखा खाते हैं। और भ्रष्ट व्यापारी लोग उनका फायदा उठाते हैं।

इस बात से हमारे मन में यह प्रश्न उठता है कि क्या  विज्ञापन सामाजिक अपव्यय हैं, लोगों की मानें तो यह सामाजिक अपव्यय नहीं है क्योंकि विज्ञापन से होने वाली हानियां स्वयं विज्ञापन में निहित नहीं होती है बल्कि कुछ स्वार्थी लोग होते हैं जो विज्ञापन के द्वारा इसका दुरुपयोग करते हैं, यदि विज्ञापन गलत उद्देश्य से चलाया जाए तो यह गलत है इससे किसी को भी लाभ नहीं होगा।

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