विपणन का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं

विपणन क्या है

विपणन का अर्थ- विपणन के अंतर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन से पहले की क्रियाओं से लेकर उनके बेचने के बाद की क्रिया शामिल की जाती है। इस प्रकार विपणन में वे सभी कार्य सम्मिलित किए जाते हैं जिनके द्वारा मानवीय आवश्यकताओं को ज्ञात किया जाता है और उनकी संतुष्टि के लिए वस्तुओं का नियोजन, मूल्य निर्धारण एवं वितरण किया जाता है।

विपणन की परिभाषाएं

1. प्रो. मैकनियर के अनुसार- “जीवन स्तर का सृजन करना एवं उसकी पूर्ति करना ही विपणन है।”

2. प्रो. पॉल मजूर के अनुसार- “समाज को जीवन स्तर प्रदान करना ही विपणन है।”

विपणन की विशेषताएं

विपणन की परिभाषाएं इस प्रकार है_

1. आवश्यकताएं- विपणन प्रक्रिया द्वारा लोगों के वे वस्तुएं एवं सेवाएं उपलब्ध कराई जाती है जिनकी उन्हें आवश्यकता होती है। और विपणन का महत्वपूर्ण उद्देश्य ग्राहकों की आवश्यकताओं को पूरा करना होता है। यहां आवश्यकता का अभिप्राय मनुष्य की उस वस्तु से है यदि वह ना मिले तो मनुष्य को बेचैनी रहती है और वह नाखुश रहता है। और उनकी आवश्यकताएं पूरा होने पर मनुष्य को खुशी होती है। विपणन इन सभी जरूरतों और चाहतों को पहचान कर उनको पूरा करने की कोशिश करता है।

2. विपणन प्रस्तुतीकरण- विपणन प्रस्तुतीकरण से अभिप्राय जिसमें उत्पाद संबंधी रंग, डिजाइन, स्वाद, क्वालिटी जैसे तत्वों का मिश्रण होता है। विपणन प्रस्तुतीकरण का कार्य उन्हें एक निश्चित स्थान पर उपलब्ध कराने से है।

उदाहरण के तौर पर बाजार में कई प्रकार के मोबाइल होते हैं और सभी की कीमतें अलग-अलग और साथ में किसी में कैमरे होते हैं और किसी में नहीं होते हैं साथ ही कुछ में इंटरनेट सुविधा होती है और कुछ में बिना इंटरनेट की भी होती है इस प्रकार कैमरे वाले, और बिना कैमरे वाले मोबाइल दोनों ही 5000 से लेकर 20,000 तक में उपलब्ध हैं। इनमें श्रेष्ठ विपणन प्रस्तुतीकरण वह है जो ग्राहकों की आवश्यकताओं और चाहतों को ध्यान में रखकर बनाया गया हो।

3. उपभोक्ता संतुष्टि मूल्य- विपणन प्रक्रिया ग्राहक और उत्पाद के बीच क्रय विक्रय को संभव बनाती है। ग्राहक वे वस्तुएं और सेवाएं खरीदना चाहते हैं जो कि उन्हें ठीक मूल्य पर मिले और उनकी आवश्यकताओं को पूरा करें अतः उत्पाद का कर्तव्य है कि वह उन वस्तुओं व सेवाओं का विपणन करें जो ग्राहकों की आवश्यकताओं को पूरा करें।

4. हस्तांतरण प्रक्रिया- क्रेता और विक्रेता हस्तांतरण प्रक्रिया द्वारा एक दूसरे के संपर्क में आते हैं हस्तांतरण प्रक्रिया विपणन का आधार है इसकी विशेषताएं इस प्रकार से है।

  1. हस्तांतरण प्रक्रिया के द्वारा क्रेता और विक्रेता दोनों एक दूसरे के संपर्क में आते हैं।
  2. दोनों एक दूसरे की आवश्यकताओं की संतुष्टि करने का प्रयास करते हैं।
  3. वस्तुओं और सेवाओं का निर्माण और उत्पादन किसी एक निश्चित स्थान पर किया जाता है तथा वितरण के माध्यमों द्वारा उपभोक्ताओं के स्थान पर उन्हें पहुंचाया जाता है।
  4. दोनों पक्षों के बीच संप्रेषण का होना अति आवश्यक है और दोनों पक्षों को एक दूसरे की आवश्यकताओं का पता रखना चाहिए तथा ना करने की भी स्वतंत्रता होनी चाहिए।

विपणन किस प्रकार सामाजिक प्रक्रिया है?

विपणन एक सामाजिक प्रक्रिया है क्योंकि इसके अंतर्गत लोग एक दूसरे के संपर्क में आते हैं। इन सभी को विभिन्न प्रकार के विक्रय द्वारा वस्तुओं और सेवाओं को खरीदने के लिए प्रेरित किया जाता है। विपणन का अर्थ लोगों को डरा धमकाकर वस्तुएं खरीदने के लिए जबरदस्ती करना नहीं है, बल्कि उन्हें वस्तुओं और सेवाओं की उपयोगिता बताकर इनको खरीदने के लिए उत्साहित करना होता है। इस प्रकार विपणन एक सामाजिक प्रक्रिया है।

विपणन अवधारणा की विशेषता

विपणन अवधारणा की विशेषताएं इस प्रकार से है_

1. विपणन धारणा उपभोक्ता मूलक है जिसमें विपणन प्रक्रिया उत्पादन से पहले प्रारंभ हो जाती है और वस्तुओं एवं सेवाओं के हस्तांतरण के बाद भी चलती रहती हैं।

2. इसके अंतर्गत उपभोक्ता की इच्छाओं और आवश्यकताओं का अध्ययन किया जाता है और उन्हें वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन किया जाता है जो मांग के अनुरूप हो। इसलिए आजकल विपणन शोध एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य बन गया है।

3. इस विचारधारा को कार्यान्वित करने के लिए ग्राहक को सरोज स्थान देना होगा और ग्राहक के दृष्टिकोण से ही समस्त व्यवसाय क्रियाओं का संचालन करना चाहिए। ग्राहक का सृजन एवं संतुष्टि ही व्यवसाय का औचित्य समझा जाता है।

4. विपणन का अर्थ अधिकतम लाभ कमाना नहीं बल्कि उत्पादक या व्यापारी और ग्राहक दोनों की संतुष्टि करना है।

विपणन अनुसंधान क्या है

विपणन अनुसंधान का क्षेत्र काफी बड़ा है। इसमें विपणन के सभी तत्वों, वस्तुओं, मूल्य वितरण आदि का अध्ययन किया जाता है। और ग्राहकों की संख्या, स्थान, रुचि, आय, आयु, शिक्षा, व्यवसाय, भुगतान, फैशन आदि का अध्ययन किया जाता है। विपणन में सभी पहलुओं के वैज्ञानिक एवं निष्पक्ष अध्ययन को विपणन अनुसंधान कहते हैं।

विपणन धारणा के कौन-कौन से स्तंभ हैं

विपणन धारा के स्तंभ इस प्रकार से हैं_

1. बाजार अथवा ग्राहकों का पता लगाना जिन्हें विपणन के प्रयासों का लक्ष्य बनाया जा सके।

2. लक्ष्य वाले बाजार में ग्राहकों की आवश्यकताओं एवं इच्छाओं को समझना।

3. लक्ष्य वाले बाजार की आवश्यकताओं की संतुष्टि के लिए उत्पादों अथवा सेवाओं का विकास करना।


विपणन एवं विक्रयण में अंतर

अंतर का आधार
विपणन
विक्रयण
1. अर्थ एवं परिभाषा

विपणन में उत्पादन के पहले और विक्रय के बाद की क्रियाएं सम्मिलित की जाती है।

विक्रय में द्रव्य को नगद या उधार प्राप्त कर वस्तु के हस्तांतरण की क्रिया शामिल की जाती है।
2. क्षेत्र

विपणन का क्षेत्र काफी विस्तृत होता है।

विक्रय का क्षेत्र छोटा होता है।

3. उद्देश्य

विपणन का उद्देश्य ग्राहक को संतुष्ट करना और लाभ देना होता है।

विक्रय का उद्देश्य लाभ प्राप्त करना होता है।

4. परिणाम
विपणन में व्यवहारों का स्वामित्व हस्तांतरण आवश्यक नहीं होता।
विक्रय में व्यवहारों का स्वामित्व हस्तांतरण आवश्यक है।
5. क्रिया
विपणन क्रियाओं में विक्रय कार्य शामिल होता है।

विक्रय कार्य में विपणन के सभी कार्य शामिल होते हैं।

6. कार्यों की संख्या
विपणन में क्रय-विक्रय, भंडारण, जोखिम, कीमत, बाजार, सर्वेक्षण आदि क्रियाएं सम्मिलित की जाती है।

विक्रय में क्रय एवं विक्रय केवल दो कार्य सम्मिलित हैं।


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