1857 की क्रांति के कारण और परिणाम

1857 की क्रांति के कारण और परिणाम में हम निम्नलिखित पांच प्रकार के कारणों के बारे में जानेंगे। तो आइए जानते हैं कि वे 1857 की क्रांति के पांच करण कौन-कौन से हैं-

1857 की क्रांति के कारण

  1. राजनीतिक कारण
  2. धार्मिक एवं सामाजिक कारण
  3. आर्थिक कारण
  4. सैनिक कारण
  5. तात्कालिक कारण

1. तात्कालिक कारण

इसका प्रश्न परीक्षाओं में इस प्रकार से भी पूछा जा सकता है कि 1857 की क्रांति के तात्कालिक कारण क्या थे बताइए? या फिर 1857 की क्रांति का तत्कालिक क्या कारण थे बताइए? इनमें आपको कंफ्यूज नहीं होना है दोनों ही स्थिति में उत्तर यही होगा। आइए हम जानते हैं-

1857 की क्रांति का तात्कालिक कारण

सन् 1857 की क्रांति का तात्कालिक कारण चर्बी वाले कारतूस की घटना थी। सन् 1856 में भारतीय सैनिकों को चर्बी वाले कारतूस दिए गए इन कारतूसों पर गाय तथा सूअर की चर्बी लगी हुई होती थी और इन्हें प्रयोग करने से पहले दांत से काटकर खोलना पड़ता था, इसलिए हिंदू और मुसलमान सैनिकों में इससे असंतोष फैल गया।

मार्च सन् 1857 को बैरखपुर छावनी में कुछ सैनिकों ने इन कारतूसों का प्रयोग करने से इंकार कर दिया, जब उन्हें प्रयोग करने के लिए विवश किया गया तो मंगल पांडे नामक एक सैनिक ने अंग्रेज सैनिक अधिकारी मेजर हसन को गोली मार दी।

इस आरोप में मंगल पांडे को फांसी दे दी गई, तो मंगल पांडे के साथी इसे सहन न कर सके और उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध क्रांति कर दिया और यह क्रांति धीरे-धीरे संपूर्ण देश में फैल गया। यहीं से सन् 1857 की क्रांति प्रारंभ हुई।

2. धार्मिक एवं सामाजिक कारण

इसे परीक्षाओं में इस प्रकार से भी पूछा जा सकता है: सन् 1857 की क्रांति के धार्मिक एवं सामाजिक कारणों को स्पष्ट कीजिए तो इसका उत्तर आप इस तरह से लिख सकते हैं।

1857 की धार्मिक एवं सामाजिक कारण

1. धार्मिक परिवर्तन- ईसाई पादरी भारत में ईसाई धर्म का प्रचार कर रहे थे कुछ स्थानों पर सरकारी अधिकारियों ने भी यह कार्य प्रारंभ कर दिए जिसके फलस्वरूप अनेक हिंदू, मुसलमान और सिख ईसाई बन गए इससे अंग्रेजों के प्रति असंतोष फैल गया। यह भी क्रांति का कारण बना।

2. विलियम बैंटिक के सुधार- गवर्नर जनरल विलियम बैटिंग ने सती प्रथा, बाल विवाह आदि पर रोक लगा दी, इसे हिंदुओं ने इस सुधारों को अपने धर्म में हस्तक्षेप समझा।

3. अंग्रेजी शिक्षा- अंग्रेजी शिक्षा के प्रसार के कारण भी भारत वासियों में असंतोष फैल गया और उन्हें विश्वास हो गया कि अंग्रेज उन्हें अवश्य इसाई बनाना चाहते हैं।

4. पैतृक संबंधी कानून- एक कानून द्वारा धर्म परिवर्तन करने वाले को पैतृक संपत्ति में हिस्सा या भाग लेने का निर्णय दिया गया था लेकिन यह लाभ केवल ईसाई बनने वालों को ही मिल सकता था इससे भारतीयों में असंतोष फैल गया था।

5. रंगभेद की नीति- अंग्रेज रंगभेद की नीति से प्रेरित थे, वह भारतीयों को हीन दृष्टि से देखते थे और हिंदू और मुसलमानों को कट्टरपंथी एवं निर्दई समझते थे।

3. आर्थिक कारण

इसे परीक्षाओं में इस प्रकार से भी पूछा जा सकता है: सन् 1857 की क्रांति के आर्थिक कारण क्या थे? क्या परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न है तो चलिए जानते हैं कि 1857 की क्रांति के आर्थिक कारण क्या थे।

सन् 1857 की क्रांति के आर्थिक कारण

1. किसानों का शोषण - कंपनी सरकार के नवीन भूमि प्रबंध के कारण भारतीय किसानों की दशा पहले की अपेक्षा दिन-प्रतिदिन खराब होती गई। कंपनी ने भूमि कर को बढ़ा दिया, अतः इस वजह से भारतीय किसान भी अंग्रेजी शासन के विरुद्ध हो गए।

2. भारतीय उद्योग धंधों का नष्ट होना- इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति के बाद अंग्रेजों ने अपने बाजारों और कच्चे माल के लिए भारत को साधन बनाया जिसके फलस्वरूप भारतीय उद्योग धंधे नष्ट हो गए तथा भारतीय जनता अंग्रेजों से असंतुष्ट हो गई।

3. जमींदारों के साथ अन्याय- कंपनी या सरकार ने जमींदारों के साथ अन्याय पूर्ण व्यवहार किया अनेक जमींदारों के अधिकार छीन लिए गए इनका किसानों पर विशेष प्रभाव था इसलिए उन्होंने भारतीय किसानों को अंग्रेजों के विरुद्ध भड़काया।

4. धन का विदेश जाना- भारत में अंग्रेजी राज्य स्थापित हो जाने के बाद भारतीय धन विदेश में पहुंचने लगा था। भारतीय जनता पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ा।

5. व्यापारिक नीति- भारतीय व्यापारिक वस्तुओं पर इंग्लैंड में अत्यधिक पर लगाया जाता था जिससे वहां के बाजार में भारतीय वस्तु महंगा हो जाता था। इसके विपरीत इंग्लैंड के व्यापारियों पर कम से कम आयत शुल्क भारत में लिया जाता था जिससे स्थानीय व्यापारी चौपट होते जा रहे थे।

6. आर्थिक शोषण- भारत का कच्चा माल इंग्लैंड ले जाया जाता था और वहां पक्का माल बनाकर भारत में बेचा जाता था इस प्रकार भारत का आर्थिक शोषण अंग्रेजों ने खुलकर किया इससे भारतीयों में अंग्रेजों के प्रति असंतोष फैला हुआ था।

4. सैनिक कारण

इसे परीक्षाओं में इस प्रकार से भी पूछा जा सकता है कि सन् 1857 की क्रांति के सैनिक कारणों का वर्णन कीजिए? तो आइए अब हम जानते हैं-

सन् 1857 की क्रांति के सैनिक कारण

1. भेदभाव की नीति- कंपनी के सैनिक अधिकारी भारतीय सैनिकों के साथ भेदभाव करते थे सेना के उच्च पदों पर केवल अंग्रेजी सैनिक नियुक्त किए जाते थे अंग्रेज सैनिकों की अपेक्षा भारतीयों को कम वेतन दिया जाता था इससे भारतीय सैनिकों में विद्रोह की भावना जागृत हुई।

2. भारतीय सैनिकों का अपमान- अंग्रेज सैनिक अधिकारी भारतीय सैनिकों को ‌भद्दी गालियां देते थे। और उन्हें एक काला आदमी कह कर उनका अपमान करते थे।

3. समुद्री यात्रा के लिए बाध्य करना- भारतीय सैनिक समुद्री यात्रा को अपना धर्म विरोद्ध मानते थे लेकिन कंपनी के अधिकारी उन्हें समुद्री यात्रा के लिए बाध्य करते थे।

4. विदेशी भक्ते बंद करना- प्रारंभ में कंपनी भारतीय सैनिकों को युद्ध के समय विशेष भत्ता और पेंशन देती थी लेकिन कंपनी ने साम्राज्य विस्तार के साथ युद्ध भत्ता और पेंशन देना बंद कर दिया था।

5. चर्बी वाले कारतूस- भारतीय सैनिकों को नए कारतूस दिए गए जिनमें गाय और सुअर की चर्बी लगी होती थी इन कारतूस उनको प्रयोग करने से पहले दांतो से काटकर खोलना पड़ता था भारतीय सैनिकों ने इनकार दूसरों का प्रयोग करने से इंकार कर दिया या क्रांति का एक प्रमुख कारण था।

5. राजनीतिक कारण

इसे परीक्षा में इस प्रकार से पूछा जा सकता है: सन् 1857 की क्रांति के राजनीतिक कारण क्या थे, तो उत्तर में हम इस तरीके से लिख सकते हैं-

सन् 1857 की क्रांति के राजनीतिक कारण

1. लॉर्ड डलहौजी की हड़प नीति- लॉर्ड डलहौजी की हड़प नीति के कारण अनेक राज्यों को ब्रिटिश भारत में दबाव पूर्वक मिला लिया गया अतः इन राज्यों के राजाओं ने क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

2. अवध का विलीनीकरण- अंग्रेजों ने सन् 1856 में अवध को कुशासन का आरोप लगाकर अंग्रेजी राज्य में मिला लिया इससे वहां के सैनिक बेकार हो गए जमींदारों की जागीरें छीन ली गई, इससे उत्तेजित होकर इन लोगों ने इस क्रांति में तन, मन, धन से भाग लिया।

3. सम्राट का अपमान- अंग्रेजों ने मुगल सम्राट बहादुरशाह की संपत्ति छीन कर उसके साथ अपमान पूर्ण व्यवहार किया अतः सम्राट ने भी अंग्रेजों के विरुद्ध क्रांति में नेतृत्व प्रदान किया।

4. अंग्रेजों की प्रशासनिक नीति- उच्च पद अंग्रेजों के लिए और निम्न पद भारतीयों के लिए सुरक्षित थे, और वेतन व पदोन्नति में भी पक्षपात किया जाता था। इससे भारतीयों में अंग्रेजों के प्रति घृणा की भावना उत्पन्न हो गई।

5. नाना साहब के साथ अनुचित व्यवहार- नाना साहब अंतिम पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र थे अंग्रेजों ने उनकी पेंशन बंद कर दी, इससे उसने अंग्रेजों के विरुद्ध क्रांति की योजना का सूत्रपात किया।

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Comments

  1. Very nice

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  2. Lard dal hoji ki hadap niti spasht room se smjhna h

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  3. Anonymous19 July, 2023

    परिणाम भी लिख दिया करो।

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