व्यवसायिक सम्प्रेषण का अर्थ
व्यवसायिक संदेश वाहन, 'संप्रेषण' का एक भाग है, जिसके द्वारा, एक व्यवसाय से, दूसरे व्यवसाय तक संदेश, समाचारों ,आदेशों ,विचारों, प्रार्थना, और सूचनाओं आदि का आदान प्रदान किया जाता है, तो उसे हम व्यवसायिक संदेश वाहन कहते हैं।
दूसरे शब्दों में 'जब दो या दो से अधिक व्यक्तियों के मध्य सूचनाओं तथा तथ्यों का आदान-प्रदान व्यवसायिक वातावरण में संपन्न होता है, तो इसे व्यवसायिक संदेश वाहन कहते हैं।'
व्यवसायिक सम्प्रेषण की परिभाषा
जी.सी .ब्राउन के अनुसार,
"व्यवसायिक संप्रेषण उद्देश्य एवं व्यवसाय से जुड़े लोगों के जानने की प्रक्रिया है इसमें संप्रेषण के माध्यम सम्मिलित होते हैं।"
के.के. गुप्ता के अनुसार,
"व्यवसायिक संप्रेषण का वह भाग जो दो या दो से अधिक व्यक्तियों के मध्य व्यवसायिक सूचनाओं तथ्यों एवं विचारों का आदान प्रदान करता है। इस प्रकार स्पष्ट है कि व्यवसायिक संदेश वाहन से आशय संप्रेषण के उस भाग से हैं जिनमें व्यवसाय क्रियाओं से संबंधित सूचनाओं विचारों या तथ्यों का आदान-प्रदान व्यवसाय को गतिशील बनाने के लिए किया जाता है।"
संप्रेषण प्रक्रिया के तत्व | संप्रेषण के मूल तत्व
जो कि संस्था का प्रत्येक अधिकारी एवं अधीन संप्रेषण प्रक्रिया से प्रभावित होता है अतः कहा जाता है कि संस्था का सफल चलना संप्रेषण प्रक्रिया पर निर्भर करता है संचार प्रक्रिया में सूचनाएं एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हस्तांतरित की जाती है अतः संचार प्रक्रिया एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा सूचना तथ्यों विचारों का विनियम किया जाता है संप्रेषण प्रक्रिया के मुख्य तत्व निम्न है।
1. संवाददाता (Reporter)— संप्रेषण प्रक्रिया का यह एक महत्वपूर्ण अंग है जो वह व्यक्ति होता है जो सूचना या संवाद देता है। इस प्रकार संवाददाता से तात्पर्य संवाद लेने वाले से है। पूर्ण एवं सही संप्रेषण के लिए वह आवश्यकता है, कि संवाददाता के मस्तिष्क में स्पष्ट होना चाहिए प्रेषक को प्राप्त करता की योग्यताएं एवं प्रकृति को ध्यान में रखकर ही संवाद की स्वरूप एवं साधन निश्चित करना चाहिए।
2. संवाद (Conversation)— संवाद संप्रेषण की विषय-वस्तु का नाम है। संवाद से तात्पर्य विचार या सूचना से जो संवाददाता द्वारा प्राप्त करता को दी जाती है। संवाद का अर्थ स्पष्ट होना चाहिए जो संवाददाता के मस्तिष्क में है यदि समाज प्राप्तकर्ता को उसी अर्थ में नहीं समझ पाता जो संवाददाता का है तो इसे संप्रेषण नहीं कहा जा सकता।
3. साधन का माध्य (Medium of Transmission)— इस से तात्पर्य एस के माध्यम से है जिसके द्वारा संवाददाता संवाद प्राप्तकर्ता को संवाद का प्रेषण करता है, संवाददाता द्वारा संवाद प्राप्तकर्ता को सम्मान देने के लिए विभिन्न साधनों का उपयोग किया जाता है इनमें मौखिक एवं लिखित दोनों ही तरह की संप्रेषण विधियां शामिल है।
4. संवाद प्राप्त करता (Receiver)— संवाद प्राप्तकर्ता से तात्पर्य संवाददाता से संवाद प्राप्त करने वाले से संप्रेषण प्रक्रिया के लिए संवाददाता और संवाद प्राप्तकर्ता दोनों का ही होना अति आवश्यक है। संप्रेषण की प्रक्रिया तभी पूर्ण होती है जब संवाददाता से संवाद प्राप्त करता द्वारा प्राप्त कर लिया जाता है।
5. संदेश वाचन (Decoding)— इसका अर्थ संदेश को अपनी समझ के अनुसार व्यक्त करना इसके विचार को ग्रहण करना संदेश को समझना, यदि कोई शक हो तो उसे दूर करना संदेश के नीत भाव को समझने की क्रिया को Decoding कहते हैं। यह अनुवाद अथवा संकेतों का अर्थ जानने की क्रिया है, प्रेषक द्वारा भाषा, चिन्ह, संकेत द्वारा प्रेषित संदेश का अनुवाद अथवा अर्थ लगाकर प्रेषक द्वारा भेजे गए भावों को निश्चित अर्थों में समझाता है।
6. प्रतिक्रिया (Reaction)— इस से तात्पर्य संवाददाता द्वारा प्रेषित किए गए संवाद विचार या सूचना प्राप्तकर्ता पर प्रभाव से है। संप्रेषण का केवल संवाद देना ही नहीं है, अपितु व्यवसाय में इनका उद्देश्य संवाद के अनुसार कार्यवाही करना होता है, संवाद प्राप्तकर्ता द्वारा स्वेच्छा एवं सहयोगी भावना से संवाद के अनुसार कार्य करना उसकी संवाद के प्रति प्रतिक्रिया पर निर्भर करता है। संवाद में उत्तम संप्रेषण संवाददाता और संवाद प्राप्तकर्ता के पारस्परिक विश्वास एवं सद्भावना पर आधारित हैं। संवाद का, संवाद प्राप्तकर्ता पर क्या प्रतिक्रिया होगी स्वयं संवाददाता के संवाद देते समय उसके व्यवहार पर निर्भर करता है।
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