भारत में जनसंख्या घनत्व को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए

जनसंख्या के वितरण घनत्व को प्रभावित करने वाले कारक

इसे हम दो भागों में बांट सकते हैं-

1. प्राकृतिक या भौगोलिक कारक

2. मानवीय कारक

1. जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले भौगोलिक कारक

  • धरातलिय संरचना
  • जलवायु
  • मिट्टी का उपजाऊपन
  • जलापूर्ति
  • खनिज पदार्थ

1. धरातलिय संरचना— समतल मैदानी भाग पठारी तो था भूतल की अपेक्षा घने बसे होते हैं। क्योंकि यहां उत्तम जलवायु व कृषि की सुविधाएं, परिवहन सुविधा और व्यापारिक सुविधा अधिक होती है जैसे- सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र इसके अलावा पर्वतीय तथा पत्थरों में जनसंख्या कम होती है। क्योंकि यहां ऊंची नीची और कम उपजाऊ मिट्टी होती है। जैसे दक्कन का पठार पर्वतीय प्रदेशों में है यहां जनसंख्या बहुत कम है।

2. जलवायु— समशीतोष्ण जलवायु एवं उपयुक्त वर्षा वाले क्षेत्र में जनसंख्या सघन होते हैं इसके विपरीत अत्याधिक ठंडी एवं शुष्क जलवायु क्षेत्रों में जनसंख्या सीमित होती है।

3. मिट्टी का उपजाऊपन— जहां की मिट्टी उपजाऊ होती है वहां मनुष्य को भोजन, वस्त्र, आवास आदि की सुविधाएं प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हो जाती है। इसीलिए उपजाऊ मिट्टी वाले भूभाग घने बसे होते हैं इसके विपरीत जहां की मिट्टी कम उपजाऊ होती है वहां कम जनसंख्या पाई जाती है।

4. जलअपूर्ति— जिन भू-भागों में पर्याप्त उपलब्ध जल होते हैं वह सघन बसे होते हैं। इसके विपरीत शुष्क एवं जल आभा वाले क्षेत्रों में जनसंख्या कम निवास करती है।

5. खनिज पदार्थ— खनिज पदार्थों की उपलब्धता जनसंख्या के घनत्व को बढ़ाती है, इसलिए जहां खनिज पदार्थ की उपलब्धता अधिक होगी वहां जनसंख्या भी अधिक होगी। क्योंकि खनिजों के खनन से अनेकों उद्योग का विकास होता है।

2. जनसंख्या के वितरण घनत्व को प्रभावित करने वाले मानवीय कारक

  • नगरीकरण
  • परिवहन साधनों का विकास
  • औद्योगिकरण
  • सामाजिक एवं धार्मिक कारण
  • कृषि का विकास
  • ऐतिहासिक कारक
  • राजनीतिक कारक
  • सरकार की नीतियां

1. नगरीकरण— नगरीकरण का मुख्य कारण सुरक्षा रोजगार, परिवहन, शिक्षा आदि सुविधाओं का नगरों में पाया जाना है। नगर वाणिज्य व्यापार उद्योग तथा प्रशासन के भी केंद्र होते हैं अतः नगरों में जनसंख्या की अधिक वृद्धि हुई है।

2. परिवहन साधनों का विकास— परिवहन साधनों के विकास के साथ-साथ जनसंख्या में भी वृद्धि होती जाती है। जैसे सड़कों के किनारे कस्बों और नगरों एवं औद्योगिक प्रतिष्ठानों की स्थापना हो जाने से जनसंख्या बढ़ती है।

3. औद्योगिकरण— औद्योगिक दृष्टि से विकसित प्रदेशों में जनसंख्या का घनत्व उच्च पाया जाता है क्योंकि इन प्रदेशों में रोजगार के अवसर विद्यमान होते हैं। जैसे- नीदरलैंड में 342 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।

4. सामाजिक एवं धार्मिक कारण— जनसंख्या वृद्धि में सामाजिक एवं धार्मिक मान्यताएं भी प्रभाव डालती हैं जैसे- बड़े परिवार की मान्यता हिंदू धर्म में पुत्र प्राप्ति धार्मिक दृष्टि से अनिवार्य मानी जाती है।

5. कृषि का विकास— जिन क्षेत्रों में कृषि का विकास अच्छा हुआ है वहां जनसंख्या अधिक पाई जाती है।

6. ऐतिहासिक कारक— पृथ्वी तल के प्राचीन क्षेत्र नवीन क्षेत्रों की तुलना में घने बसे होते हैं। जैसे- अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, यूरोप।

7. राजनीतिक कारक— प्राय: आशांत क्षेत्रों में जैसे- ज्वालामुखी, युद्ध आदि होते हैं वहां जनसंख्या का घनत्व कम हो जाता है तथा जो क्षेत्र स्थाई रूप से शांत होते हैं वहां जनसंख्या घनत्व अधिक होता है।

8. सरकार की नीतियां— जनसंख्या कम करने यथावत बनाए रखने अथवा वृद्धि करने में सरकार अपनी आवश्यकता अनुसार नीतियां निर्धारित करती हैं जैसे- ऑस्ट्रेलिया में जनसंख्या वृद्धि न होना वहां की सरकार की अप्रवास नीति का प्रतिफल है।


जन्म दर एवं मृत्यु दर का अर्थ

1. जन्म दर— किसी देश या क्षेत्र में प्रति हजार व्यक्तियों पर एक वर्ष में जन्म लेने वाले जीवित बच्चों की संख्या को जन्म दर कहते हैं।

2. मृत्यु दर— किसी देश या क्षेत्र में प्रति हजार व्यक्तियों पर एक वर्ष में मरने वालों की संख्या को मृत्यु दर कहते हैं।


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