इंग्लैंड की रक्तहीन क्रांति के परिणाम

जैसा कि हमने इंग्लैंड की क्रांति के कारणों में जानने को मिला कि इंग्लैंड का राजा बहुत ही निरंकुश व मुर्ख था, जिसके परिणाम स्वरूप क्रांति का होना तय था।

इंग्लैंड की क्रांति के परिणाम इस प्रकार से हैं

1. राजा और संसद के मध्य संघर्ष का अंत- हमने पिछले इंग्लैंड की क्रांति में पढ़ा था कि इंग्लैंड का राजा उस समय जेम्स द्वितीय था, और राजा एवं सांसद के मध्य मनमुटाव चल रहे थे लेकिन इस क्रांति के बाद स्टुअर्ट राजाओं और सांसद के मध्य दीर्घकाल से चले आ रहे संघर्ष का अंत हो गया अब इंग्लैंड में सांसद का पद सर्वोपरि हो गया।

2. वास्तविक संप्रभुता सांसद में- क्रांति के समय सांसद ने बिल ऑफ राइट्स पारित कर उस पर विलियम व मैरी की स्वीकृति ले ली इससे राजा की सर्वोच्च राजसत्ता और शक्ति समाप्त हो गई और राजा द्वारा सांसद की संप्रभुता स्वीकार कर ली गई।


3. सांसद की सर्वोच्चता- राजा अब सांसद की स्वीकृति के बिना कुछ नहीं कर सकता था। नागरिक स्वतंत्रता की रक्षा करना, कानून बनाना और कर लगाना सांसद के अधिकारों के अंतर्गत आता था।


4. राजा के द्वैविय सिद्धांतों की समाप्ति- इस क्रांति के द्वारा राजा केंद्रीय अधिकार समाप्त कर दिए गए और संसद द्वारा पारित किसी कानून को निरस्त करने का राजा का अधिकार समाप्त हो गया।


5. संवैधानिक राजतंत्र की स्थापना- क्रांति से पहले राजा सर्वोपरि था लेकिन क्रांति के बाद राजा सांसद के नियम पर चलता था। अब राजा सांसद के बनाए रास्तों पर चल रहा था। राजा की स्वेच्छाचारी नीति समाप्त हो गई उसके अधिकार सांसद द्वारा नियंत्रित कर दिए गए अब इंग्लैंड में वैधानिक राजतंत्र का युग आरंभ हो गया।


6. सेना पर संसद का अधिकार- अब तक सेना राजा के अधीन थी क्रांति के बाद सांसद ने विद्रोह अधिनियम पारित कर सेना पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित कर लिया इससे राजा की सैनिक शक्ति समाप्त हो गई। और संपूर्ण सेना पर सांसद का अधिकार हो गया।


निष्कर्ष:-

आज के इस लेख में हमने इंग्लैंड की क्रांति के परिणामों के बारे में जाना कि किस प्रकार इंग्लैंड की क्रांति के पश्चात राजा की संपूर्ण शक्तियां सांसद के हाथ में आ गई, और राजा केवल नाममात्र का राजा रह गया वह क्रांति के पश्चात सांसद के इशारे पर चलता था।


इन्हें भी पढ़ें:-

Comments