फ्रांस की राज्य क्रांति के प्रमुख कारण क्या थे

फ्रांस की राज्यक्रांति कब हुई | फ्रांस में राज्य क्रांति कब हुई थी

फ्रांस की राज्यक्रांति सन् 1789 ई. में हुई थी, और इस समय फ्रांस का शासक लुई सोलहवां था।


फ्रांस की राज्य क्रांति के प्रमुख कारण निम्नलिखित थे-


1. तात्कालिक कारण- अमेरिका के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने से फ्रांस की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई थी, सन 1788 में भारी अकाल पड़ा सरकार पर ऋण का भारी बोझ पड़ गया राजकोष खाली हो गई राजा ने समस्याओं को सुलझाने के लिए 5 मई सन् 1789 में सांसद सत्र बुलवाया।

प्रारंभ में ही राजा और सांसद के बीच झगड़ा हो गया, इन्हीं परिस्थितियों में पेरिस की जनता वास्तीय नामक जेल में धावा बोल दिया और रक्षा करने वाले सैनिकों की हत्या कर दी और कैदियों को जेल से आजाद कर दिया इस प्रकार फ्रांस की क्रांति प्रारंभ हो गई।


2. निरंकुश शासन- निरंकुश शासक का अर्थ- ऐसा शासक जो केवल और केवल अपने फायदे के लिए जनता का शोषण करें, अपनी प्रजा के लिए कुछ भी ना करें, उसे निरंकुश शासक कहते हैं।

फ्रांस पर कई वर्षों से निरंकुश शासन चला आ रहा था, उस समय लुई सोलहवां वहां का राजा था, उसके निरंकुश शासन के कारण जनता में भारी असंतोष था।


3. सामंतों के अत्याचार- फ्रांस में सन् 1789 में सामंती व्यवस्था थी, वह सरकारी पदों को खरीदते थे और किसानों को तरह-तरह से लूटते और उन पर अत्याचार करते थे।


4. मध्यम वर्ग के साथ अन्याय- सन् 1789 में मध्यम वर्ग का उदय हो चुका था। मध्यम वर्ग में वकील, डॉक्टर, लेखक, कवि, व्यापारी आदि शामिल थे। यह लोग राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों से वंचित थे उन्हें सरकारी नौकरी भी नहीं मिलती थी इससे मध्यमवर्ग के लोगो उस समय की राजनीतिक व्यवस्था से असंतुष्ट थे।


5. मजदूरों और किसानों पर अत्याचार और अन्याय- देश में लगभग दो करोड़ किसान थे उनकी स्थिति लगभग दासों जैसी थी। सामंत वर्ग उनके साथ अनेक प्रकार के अत्याचार करते थे मजदूर वर्ग से काम अधिक तथा मजदूरी कम दिया जाता था।


6. पादरियों के अत्याचार- फ्रांस में कैथोलिक ईसाईयों का संगठन था जो चर्च कहलाता था चर्च की शक्ति पादरियों के हाथ में थी पादरी वर्ग राजा और सामंतों के अत्याचारों का भी समर्थन करते थे उनके विचार पुराने और सड़े गले थे वह नवीन और अच्छे विचारों का विरोध करते थे।


7. दार्शनिकों के विचार- सन् 1789 ई. में अनेक दार्शनिक और विद्वान हुए जिन्होंने लोगों में स्वतंत्रता और समानता के विचार फैलाए, उन्होंने निरंकुश शासन सामंतों और पादरियों के विशेष अधिकारों का विरोध किया।


8. सामाजिक असमानता- सन् 1789 ई. में फ्रांस के समाज दो भागों में बटे हुए थे एक वह लोग जिन्हें विशेष अधिकार प्राप्त थे, और दूसरे वे लोग जिन्हें कुछ भी अधिकार नहीं थे। दूसरे वर्ग की स्थिति बहुत ही दयनीय थी। इसी असमानता ने उन्हें क्रांति के लिए प्रेरित किया।

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