द्वितीय विश्वयुद्ध के परिणाम

द्वितीय विश्वयुद्ध के परिणाम

1. जनधन की हानि- द्वितीय विश्व युद्ध में जनधन का कितना भीषण विनाश हुआ इसका सही सही अनुमान अभी तक नहीं लगाया जा सका है लगभग एक लाख करोड़ रुपए से अधिक धन का व्यय हुआ दोनों पक्षों के 5 करोड़ से अधिक लोग मारे गए अनेक देशों के आर्थिक एवं भौतिक संसाधनों की भारी क्षति हुई कई प्राचीन नगर पूरी तरह तबाह हो गए।

2. इंग्लैंड की शक्ति का ह्रास- इंग्लैंड विश्व की बड़ी शक्ति माना जाता था इस युद्ध के बाद उसकी शक्ति में ह्रास हुआ और उसे एक-एक कर अपने सभी उपनिवेशों को मुक्त करना पड़ा।

3. सोवियत रूस की शक्ति में वृद्धि- द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सोवियत रूस की शक्ति में काफी वृद्धि हुई विश्व के दूसरे शक्तिशाली राष्ट्रों में उसकी गिनती होने लगी।

4. अमेरिका के प्रभुत्व में वृद्धि- द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद अमेरिका की शक्ति काफी बढ़ गई यह विश्वयुद्ध का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बन गया।

5. विश्व का दो गुटों में विभक्त होना- द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद संसार के देश दो गुटों में बैठ गए साम्यवादी गुड और पूंजीवादी गुट साम्यवादी गुट का नेतृत्व सोवियत रूस कर रहा था और पूंजीवादी गुट का नेतृत्व अमेरिका कर रहा था।

द्वितीय विश्व युद्ध के आर्थिक व सामाजिक परिणाम और राजनीतिक परिणाम

द्वितीय विश्वयुद्ध के सामाजिक परिणाम

1. पुरुषों की जनसंख्या कम हो गई।

2. महिलाओं का जीवन अनेक क्षेत्र में योगदान बढ़ गया।

3. गरीबी और अमीरी कि विषमता बढ़ती गई।

4. कला व साहित्य का विकास अवरुद्ध हुआ।

5. विज्ञान व प्रौद्योगिकी की तीव्र प्रगति हुई।

द्वितीय विश्वयुद्ध के राजनीतिक परिणाम

1. साम्यवाद व जनतंत्र का विश्व के विभिन्न देशों में विस्तार हुआ।

2. उपनिवेशों में साम्राज्यवादी शक्तियों से स्वतंत्रता की मांग की और इसके लिए संघर्ष आरंभ कर दिया।

3. विश्व में शांति तथा राष्ट्रों के मध्य मैत्री व भाईचारा की भावना प्रबल हुवी।

4. द्वितीय विश्वयुद्ध अप्रत्यक्ष रूप से राष्ट्रीयता की भावना के प्रसार में सहायक सिद्ध हुआ।

द्वितीय विश्व युद्ध के आर्थिक परिणाम

1. जन्मदिन की अपार क्षति हुई।

2. सामाजिक मान्यताएं बदलने लगी।

3. बेरोजगारी, महंगाई और भोज्य पदार्थों की कमी हुई जिसने विकट समस्या उत्पन्न कर दी।

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