ग्लोबल वार्मिंग एक खतरा पर निबंध
ग्लोबल वार्मिंग अर्थात पृथ्वी का लगातार तापमान बढ़ना ग्लोबल वार्मिंग कहलाता है। यह मानवीय कारणों से होता है। ग्लोबल वार्मिंग इस सदी का सबसे बड़ा खतरा है। धरती पर गर्मी लगातार बढ़ रही है। जनसंख्या में भी अत्यधिक वृद्धि हो रही है और वृद्धि के कारण निरंतर कटते पेड़ पौधे एवं पेट्रोल की अत्यधिक खपत इस गर्मी में अधिक वृद्धि कर रही है। शताब्दियों से जमे हुए हिमखंड पिघलते जा रहे हैं। आकाश की ओजोन परत कम होती जा रही है, जिसके कारण सूर्य की जहरीली अल्ट्रावायलेट किरणें सीधे धरती पर पहुंचने लगी है। मनुष्य, पशु, पक्षी सभी के लिए यह सूर्य की किरणें जानलेवा साबित होंगी। इन कारणों के कारण कई घातक बीमारियां भी जन्म लेंगे जो मानव के लिए जानलेवा साबित होगी।
ग्लोबल वार्मिंग का मुख्य कारण मानव द्वारा की जाने वाली विभिन्न प्रकार की ऊर्जा स्रोतों का असीमित उपयोग है। परमाणु भट्टी में औद्योगिक ऊर्जा फ्रिज एसी का खुला उपयोग आदि ऐसे बड़े कारण हैं, जिन से वातावरण में ऊष्मा बढ़ रही है। निरंतर कटते पेड़ और 1 ऐसे मानवीय कार्य हैं जो प्रकृति के चक्र में बाधा डाल रहे हैं। इन्हें रोकने का उपाय भी हमारे ही हाथों में है। मशीनों की निर्भरता को कुछ कम कर के माननीय श्रम का अधिक उपयोग कर इसमें कमी लाई जा सकती है। अधिक से अधिक मात्रा में पेड़ लगाकर वनों को सुरक्षित कर देता लकड़ी एवं आवास के लिए नए विकल्प की खोज करके ग्लोबल वार्मिंग के खतरे को कुछ कम कर सकते हैं। परमाणु ऊर्जा से होने वाले खतरों को देखते हुए इस पर प्रतिबंध लगाना भी आवश्यक हो गया है। क्योंकि ग्लोबल वार्मिंग का खतरा केवल भारत देश तक सीमित नहीं है यह पूरे विश्व पर मंडरा रहा है।
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