पानीपत के प्रथम युद्ध के कारण एवं परिणाम

पानीपत के प्रथम युद्ध के कारण

paneepat ke pratham yuddh ke karan: पानीपथ के प्रथम युद्ध का कारण बाबर द्वारा बनाई गई युद्ध रणनीति थी, बाबर दिल्ली सल्तनत पर शासन करना चाहता था। और उस समय दिल्ली सल्तनत का शासक इब्राहीम लोदी था, और बाबर लोदी वंश को समाप्त कर वहाँ शासन करना चाहता था। बाबर की यही इच्छा पानीपत के प्रथम युद्ध का कारण बना। और अंत में बाबर की इच्छा पूर्ण हुई, और दिल्ली सल्तनत पर शासन करने का सपना साकार हुआ।

इब्राहिम लोदी के पास लगभग एक लाख  सैनिक थे। और दूसरी तरफ बाबर के पास मात्र 12,000 फ़ौज तथा तोपें थी। बाबर की रणनीति एवं तोपखाने के आगे इब्राहिम लोदी की सेनाएं टिक पाई। अतः इब्राहिम लोदी युद्ध स्थल पर मारा गया। इसके साथ साथ लगभग उनके 15000 सैनिक मारे गए। और कुछ सैनिक वहां से भाग रहे थे, तभी भागते हुए सैनिकों का मुगल घुड़सवारों ने पीछा किया तथा कई लोगों को बंदी बना लिया गया।

पानीपत के प्रथम युद्ध का परिणाम

1. लोदी वंश का अंत -

पानीपत के युद्ध में इब्राहिम की मृत्यु के साथ ही लोदी वंश शासन का अंत हो गया। पानीपत के युद्ध से ही दिल्ली साम्राज्य बाबर के हाथ में आ गया। इससे लोदी वंश की शक्ति छिन्न-भिन्न हो गई और भारत के राज्य सत्ता तुर्कों के हाथ में चली गई। लोदी वंश के पतन के साथ ही दिल्ली सल्तनत का भी पतन हो गया। इस प्रकार भारत में एक ही वंश के स्थाई शासन की स्थापना हुई। 

2. मुगल वंश के शासन की स्थापना-

पानीपत के युद्ध से दिल्ली का साम्राज्य बाबर के हाथ में आ गया। इस प्रकार 1526 ई. में बाबर ने मुगल शासन की स्थापना भारत में की। ‌और इसके द्वारा भारत को श्रेष्ठ एवं शक्तिशाली शासक प्राप्त हुए। ‌ जिनके कारण देश के विकास के लिए नए द्वार खुले।

3. भारत में अपार हानि-

पानीपत के युद्ध में  ईब्राहिम लोदी के पराजय होने के कारण भारत को अत्यधिक हानि का सामना करना पड़ा। बाबर को अपार धन संपत्ति प्राप्त हुई लेकिन उसने सैनिकों व काबुल की जनता में बांट दिया। जिससे क्या हुआ भारत में धन की कमी होने लगी।

4. राजपूतों को निराशा-

पानीपत के युद्ध से पहले राजपूत राजा दिल्ली पर अधिकार करने का स्वप्न देख रहे थे, क्योंकि दिल्ली की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, लेकिन बाबर द्वारा दिल्ली पर अधिकार कर लेने से इसके परिणामस्वरुप उनकी इस अभिलाषा पर पानी फिर गया। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया कि अब राजपूतों को बाबर का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि बाबर अत्याधिक महत्वकांक्षी व साहसी शासक था।

पानीपत के प्रथम युद्ध में बाबर की विजय के कारण

 1. बाबर का सैनिक संगठन अनुशासित एवं बहुत ही उच्च कोटि का था, जबकि सुल्तान इब्राहिम लोदी की सेना अव्यवस्थित भीड़ भाड़ जैसी थी। जिसमें एकता अनुशासन एवं संगठन का अभाव था।

2. बाबर स्वयं एक विलक्षण प्रतिभाशाली सेनानायक था। उसने अपने संपूर्ण युद्ध कौशल का उपयोग रन क्षेत्र में किया।

3.बाबर का शक्तिशाली तोपखाना उसकी रणनीति एवं धनुष बाणों के सफल प्रयोग के कारण भी बाबर की विजय हुई। इब्राहिम के पास बाबर की तरह उच्च कोटि की युद्ध रणनीति एवं साधन नहीं थे।

4.बाबर के सैनिक उसके साथ कंधे से कंधा लगाकर किसी भी निर्णय का सामना करने की भावना से लड़ रहे थे, जबकि इब्राहिम के प्रमुख सामंतों में ईर्ष्या तथा द्वेष की भावना थी।

5. बाबर अपनी पूर्ण शक्ति एवं सहयोगीयों के साथ पानीपत के मैदान में आया था, जबकि इब्राहिम को ग्वालियर के राजा विक्रमाजीत के अलावा और किसी शासक ने साथ नहीं दिया।

पानीपत का प्रथम युद्ध किनके किनके बीच हुआ था?

पानीपत का प्रथम युद्ध इब्राहिम लोदी और बाबर के बीच हुआ था, और इस युद्ध में बाबर की विजय हुई।

पानीपत का प्रथम युद्ध कब हुआ था?

पानीपत का प्रथम युद्ध 21 अप्रैल 1526 ई. को प्रारंभ हुआ था, जो कि दोपहर तक चलता रहा।

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Comments

  1. भाई शब्दों में बहुत सारी गलती है लोदी की जगह लोधी लिखा हुआ हैपोस्ट अच्छी है

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    1. Thankyou' bhai hamne sudhar liya hai, hame aapke jaise logon ki hi avasykta hai, have a good Day.

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