नेपोलियन के उदय का वर्णन कीजिए
नेपोलियन की गणना विश्व के महान विजेताओं तथा श्रेष्ठ शासकों में होती है 1795 ई. के पश्चात फ्रांस में घटित प्रत्येक घटना का केंद्र बिंदु नेपोलियन था। नेपोलियन ने कहा था, "मुझे फ्रांस का राजमुकुट धरती पर पड़ा मिला और तलवार की नोक से मैंने उसे उठा लिया।" यह एक कथन उसके उत्थान की कहानी का संक्षेप में वर्णन करता है। 1804 से 1814 ई. तक उससे जो विश्मयकारी सफलता प्राप्त हुई उसे ध्यान में रखकर ही हेजन ने लिखा है, "इस पूरे इतिहास का केंद्र बिंदु नेपोलियन था, जिसकी महत्वाकांक्षा उतनी ही ऊंची थी जितने की आकाश के तारे। उस दशक में उसका व्यक्तित्व सारे यूरोप पर इतनी अत्यधिक शक्तिशाली विजेता और शासक के नाते नेपोलियन का स्थान सिकंदर सीजर के समक्ष था।"
नेपोलियन बोनापार्ट कौन था | नेपोलियन कहां का राजा था?
नेपोलियन फ्रांस का महान राजा था
नेपोलियन की जीवनी
नेपोलियन बोनापार्ट का जन्म 15 अगस्त 1769 ई. को कॉर्सिका द्वीप के नगर अजाकिओ में हुआ था। नेपोलियन बोनापार्ट के पिता का नाम "कार्लो बोनापार्ट" था, और वह "रोमन कैथोलिक" धर्म को मानने वाला था, उनकी माता का नाम "लेटीजिए रमोलिनो" था। नेपोलियन के पूर्वज फ्लोरेंस (इटली) के निवासी थे। 1529 ई.से वे कर्षिका में आकर बस गए थे। नेपोलियन के जन्म के समय 1769 ई. में ही फ्रांस ने कर्षिका द्वीप खरीदा था। इस समय कॉर्सिका वासी अपने देश की स्वाधीनता के लिए संघर्ष कर रहे थे। नेपोलियन के माता पिता ही स्वाधीनता संघर्ष के प्रमुख सेनानी थे। नेपोलियन को अपने पूर्वजों द्वारा कॉर्सिका के लिए किए गए कार्यों के प्रति गर्व था।
28 अक्टूबर 1785 ई. को नेपोलियन फ्रेंच तोपखाने के सैन्यादल में सेकंड लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्त हुआ था। वह कठोर परिश्रम में विश्वास करता था 1788 ई. में उसने अपनी मां को लिखा था," मेरे पास यहां शिवा काम करने के कोई साधन नहीं है।"
1789 ई. में जब फ्रांस में क्रांति क हुई, नेपोलियन अपने भाई जोजफ के साथ कॉर्सिका को मुक्त कराने के आंदोलन में कूद पड़ा । इसी बीच 30 नवंबर 1789 ई. को फ्रांस का अंग बना दिया गया। नेपोलियन के विचार भी फ्रांस के प्रति बदल गए।
नेपोलियन बोनापार्ट की मृत्यु कब हुई?
नेपोलियन बोनापार्ट की मृत्यु 5 मई 1821 में हुई।
नेपोलियन का मूल्यांकन | नेपोलियन की उपलब्धियां -
नेपोलियन को आधुनिक युग का सबसे महान व्यक्ति माना जाता है। अरुण परिवार में जन्मे नेपोलियन ने अपनी असाधारण योग्यता के बल पर एक सैनिक के पद से उन्नति प्राप्त करते हुए फ्रांस का पद ग्रहण किया या कह सकते हैं कि फ्रांस का सम्राट बना। यही उसकी सबसे बड़ी उपलब्धियां थी।
विद्वानों का कहना है कि— "नेपोलियन एक असाधारण चरित्र व योग्यता वाला व्यक्ति था जो किसी भी देश में किन्हीं भी परिस्थितियों में विनती की चरम सीमा पर पहुंच सकता था।"
नेपोलियन ने अपनी असाधारण विजयों से लगभग संपूर्ण यूरोप को प्रभाव क्षेत्र में ला दिया था इस प्रकार फ्रांस के प्रति सम्मान को उसने उन्नति की चरम सीमा पर पहुंचा दिया। अपने कार्यों से नेपोलियन ने केवल केवल फ्रांस को ही नहीं अपितु संपूर्ण यूरोप को प्रभावित किया। इसी कारण 1799 ई. से 1814 ई. के समय को नेपोलियन युग कहा जाता है। एक कारण वह अपने शत्रुओं में अत्यधिक लोकप्रिय था।
नेपोलियन अत्यधिक महत्वकांक्षी व्यक्ति था जिसने अपने अभिलाषा को पूर्ण करने के लिए निरंतर युद्ध किए। इन युद्ध में उसके सैनिकों ने उसका साथ दिया। तालीरा का कहना है कि — "नेपोलियन जैसा व्यक्तित्व ना किसी ने देखा है और न ही आने वाले कई शताब्दियों में ऐसा असाधारण व्यक्ति जन्म ले सकेगा।"
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ReplyDeleteUday ke bare me point by point nahi hai esliye thoda complex and adhura lagta hai.kripiya uday ke bare me aur kuchh bataye.thank you
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