(pandit Jawaharlal Nehru) जी का जन्म :- 14 नवंबर सन 1889 इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश)
पत्नी :-कमला नेहरु (1916)
बच्चे:- इंदिरा गाँधी
मृत्यु :- सन् 1964.
माता-पिता स्वरूपरानी नेहरु, मोतीलाल नेहरु
पत्नी :-कमला नेहरु (1916)
बच्चे:- इंदिरा गाँधी
मृत्यु :- सन् 1964.
माता-पिता स्वरूपरानी नेहरु, मोतीलाल नेहरु
प्रमुख रचनाएं :
आत्मकथा :- मेरी कहानी।
हिंदी अनुवाद :- विश्व इतिहास की झलक, हिंदुस्तान की कहानी पिता के पुत्र पुत्री के नाम।
लेखों और भाषणों का संग्रह:- हिंदुस्तान की समस्याएं, स्वाधीनता और उसके बाद, राष्ट्रपिता, भारत की बुनियादी एकता, लड़खड़ाती दुनिया आदि।
आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु के जन्म दिन को ही बाल दिवस या चिल्ड्रेन्स डे (childrens day) कहा जाता है और इसलिए 14 नवम्बर को बाल दिवस मनाया जाता है , क्योकि नेहरु जी को बच्चे बहुत पसंद थे । और बच्चे उन्हें चाचा नेहरु कहकर बुलाते थे। अगर हम नेहरु जी के जीवन को विस्तार से पढ़े, तो हमें उनके जीवन से ढेर सारी सीख पाने के लिए मिलती है। नेहरु जी एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे, देश को आजाद कराने के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ने महात्मा गाँधी का साथ दिया था। इन्ही के महान प्रयत्न से हमारा भारत देश आजाद हुआ है।
जवाहरलाल नेहरु का जन्म इलाहाबाद के एक संपन्न परिवार में हुआ उनके पिता वहां के बड़े वकील थे। नेहरु की प्रारंभिक शिक्षा घर पर उच्च शिक्षा इंग्लैंड में हैरो तथा कैंब्रिज में हुई वहीं से वकालत की पढ़ाई की लेकिन नेहरु पर गांधीजी का बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा। उनकी पुकार पर वे पढ़ाई छोड़ कर आजादी की लड़ाई में जुट गए आगे चलकर सन 1929 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में भी अध्यक्ष बनें और पूर्ण स्वतंत्रता की मांग की नेहरु का झुकाव समाजवाद की ओर भी रहा।
सन 1947 में भारत स्वतंत्र हुआ तो नेहरु जी पहले प्रधानमंत्री बने और भारत के निर्माण में अंत तक जुटे रहें उन्होंने देश के विकास के लिए कई योजनाएं बनाए जिनमें आर्थिक और औद्योगिक तथा वैज्ञानिक अनुसंधान से लेकर सहित्यकला सांस्कृतिक आदि क्षेत्र शामिल थे। नेहरु जी बच्चों के बीच चाचा नेहरु के रूप में जाने जाते थे। शांति अहिंसा और मानवता के हिमायत नेहरु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वशांति और पंचशील के सिद्धांतों का प्रचार किया।
पंडित जवाहरलाल नेहरु ने बताया कि किस तरह देश के कोने कोने में आयोजित जलसो में जाकर वहां लोगों को बताते थे कि हिंदुस्तान अनेक हिस्सों में बटा होने के बाद भी,हिंदुस्तान एक है। इस अपार फैलाओ के बीच एकता के क्या आधार हैं और क्यों भारत एक देश है जिसके सभी हिस्सों की नियति एक ही तरीके से बनती बिगड़ती है। इस क्रम में पंडित जवाहरलाल नेहरु ने भारत माता शब्द पर भी विचार किया है।
उनका निष्कर्ष है कि भारत माता की जय का मतलब है यहां के करोड़ों करोड़ों लोगों की जय कहने की जरुरत नहीं की अपने छोटे आकार के बावजूद इस लेख का कथन अत्यंत विराट और प्रस्तुतिकरण है।
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