अभिवृत्ति : अर्थ, परिभाषा, प्रकार, विशेषताएँ एवं मापन विधियाँ

प्रस्तावना

अभिवृत्ति (Attitude) मनोविज्ञान का एक महत्वपूर्ण तत्व है, जो व्यक्ति के व्यवहार, भावनाओं और विचारों को दिशा देता है। यह किसी वस्तु, व्यक्ति, घटना या विचार के प्रति उसकी पसंद, नापसंद, समर्थन या विरोध जैसी मानसिक प्रवृत्तियों को व्यक्त करती है। अभिवृत्ति व्यक्ति के अनुभवों, सामाजिक वातावरण और सीखने की प्रक्रिया से निर्मित होती है।

अभिवृत्ति का अर्थ

अभिवृत्ति व्यक्तित्व का वह गुण है, जिसके द्वारा व्यक्ति किसी वस्तु, व्यक्ति, समूह या परिस्थिति के प्रति विशेष प्रकार की प्रतिक्रिया देता है।

लैटिन भाषा के "Aptus" शब्द से बना Attitude शब्द का अर्थ है — योग्यता, उपयुक्तता या सुविधा।

अभिवृत्ति व्यक्ति के अनुकूल या प्रतिकूल विचारों, मनोभावों और विश्वासों को दर्शाती है। इसे कभी-कभी मनोवृत्ति भी कहा जाता है। दोनों ही शब्द भावनात्मक गुणों को अभिव्यक्त करते हैं।


अभिवृत्ति के प्रमुख घटक

अभिवृत्ति तीन प्रमुख भागों से मिलकर बनती है:

  1. संज्ञानात्मक (Cognitive) – किसी वस्तु के प्रति व्यक्ति की मान्यताएँ या विश्वास
  2. भावात्मक (Affective) – उस वस्तु के प्रति भावनाएँ (पसंद/नापसंद)
  3. व्यवहारात्मक (Behavioural) – उसी वस्तु के प्रति व्यवहार प्रदर्शित करने की प्रवृत्ति


अभिवृत्ति की परिभाषाएँ

1. ऑलपोर्ट (Allport)

“अभिवृत्ति प्रत्युत्तर देने की मानसिक एवं स्नायुविक तत्परता की संगठित अवस्था है, जो अनुभव से निर्मित होकर व्यवहार को निर्देशित करती है।”


2. वुडवर्थ (Woodworth)

“अभिवृत्तियाँ मत, रुचि या उद्देश्य की स्थायी प्रवृत्तियाँ हैं, जिनमें पूर्वज्ञान की अपेक्षा और उचित प्रतिक्रिया की तैयारी निहित रहती है।”


3. जेम्स डेवर

“यह मत, रुचि या उद्देश्य की लगभग स्थायी प्रवृत्ति है, जिसमें विशेष अनुभव की आशा और उचित प्रतिक्रिया की तैयारी शामिल होती है।”


4. आईजनेक (Eysenck)

“अभिवृत्ति किसी वस्तु या समूह के प्रति व्यक्ति की स्थिति और बाह्य उत्तेजनाओं के प्रति प्रतिक्रिया तत्परता है।”


5. फ्रीमैन (Freeman)

“अभिवृत्ति उन स्थितियों के प्रति संगत ढंग से प्रतिक्रिया करने की सीखी हुई स्वाभाविक तत्परता है।”


अभिवृत्ति के प्रकार

1. विशिष्ट अभिवृत्ति

किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु, संस्था या घटना के प्रति अभिव्यक्ति।

उदा. – छात्र का अपने शिक्षक के प्रति सम्मान।


2. सामान्य अभिवृत्ति

वस्तुओं या घटनाओं के प्रति सामूहिक दृष्टिकोण।

उदा. – राजनीति, खेल, घड़ियाँ आदि के प्रति अभिवृत्ति।


3. सकारात्मक अभिवृत्ति

किसी वस्तु या व्यक्ति के प्रति अनुकूल भाव, विश्वास, आकर्षण या स्वीकृति।


4. नकारात्मक अभिवृत्ति

किसी व्यक्ति, विचार या समूह के प्रति असहमति, घृणा, निराशा या अविश्वास।


5. मानसिक अभिवृत्ति

किसी विशेष क्षेत्र के प्रति मानसिक दृष्टिकोण।

उदा. – धार्मिक, सामाजिक, सौंदर्यनुभूति अभिवृत्ति।


अभिवृत्ति की विशेषताएँ

  1. अभिवृत्ति भावनाओं की गहराई को दर्शाती है।
  2. इसका विकास सामाजिक संबंधों व अनुभवों से होता है।
  3. अभिवृत्ति सामाजिक एवं मानसिक दोनों प्रकार की होती है।
  4. यह जन्मजात नहीं होती; अनुभवों से अर्जित होती है।
  5. अपेक्षाकृत स्थायी होती है, पर समय के साथ बदल भी सकती है।
  6. व्यक्ति के व्यवहार और व्यक्तित्व को प्रभावित करती है।
  7. भावनाओं, संवेगों और परिस्थितियों से प्रभावित होती है।
  8. अनुकूल या प्रतिकूल दोनों प्रकार की हो सकती है।


अभिवृत्ति मापन की विधियाँ

अभिवृत्ति मापन की विधियाँ दो वर्गों में विभाजित की जाती हैं—


1. व्यवहारिक विधियाँ

(क) प्रत्यक्ष प्रश्न विधि

प्रत्यक्ष प्रश्न पूछकर व्यक्ति की अनुकूल, प्रतिकूल या अनिश्चित अभिवृत्ति को जाना जाता है।

(ख) प्रत्यक्ष निरीक्षण विधि

व्यक्ति के व्यवहार का अवलोकन करके उसकी वास्तविक अभिवृत्ति का पता लगाया जाता है।


2. मनोवैज्ञानिक विधियाँ

1. थर्स्टन ‘युग्म तुलनात्मक विधि’ (1927)

दो कथनों के जोड़ों की तुलना करके सहमति/असहमति ज्ञात की जाती है।

2. थर्स्टन–चेव ‘समदृष्टि अंतर विधि’

कथनों को 11-बिंदु मापनी पर मापा जाता है—अनुकूल, प्रतिकूल, तटस्थ।

3. लिकर्ट ‘योग–निर्धारण विधि’ (5-बिंदु मापनी)

  1. पूर्ण सहमति
  2. सहमति
  3. अनिश्चित
  4. असहमति
  5. पूर्ण असहमति


4. सफीर ‘क्रमबद्ध अंतर विधि’

अनेक कथनों का क्रमबद्ध विश्लेषण एवं पुनरावृत्ति गिनती।


5. गटमैन ‘स्केलोग्राम विधि’

सहमति = 1, असहमति = 0 के आधार पर कुल अभिवृत्ति अंक प्राप्त किए जाते हैं।


6. एडवर्ड्स–किलपैट्रिक ‘भेद बोधक मापनी’

विभिन्न स्केलों को मिलाकर निर्मित एक संयुक्त विधि।


7. ओसगुड ‘सेमांटिक डिफरेंशियल विधि’

सात-बिंदु मापनी पर विपरीत शब्दों के आधार पर मापन।


8. रेमर्स ‘मास्टर टाइप मापनी’

अनुकूलता के घटते क्रम में अभिवृत्ति का मापन।


अभिवृत्ति की प्रकृति

  • धनात्मक प्रकृति – सकारात्मक दृष्टिकोण, समर्थन, पसंद
  • ऋणात्मक प्रकृति – विरोध, नकारात्मक दृष्टिकोण
  • शून्य प्रकृति – न सकारात्मक न नकारात्मक; तटस्थ दृष्टिकोण


उपसंहार

अभिवृत्ति मानव व्यवहार का महत्वपूर्ण आधार है। यह व्यक्ति के अनुभवों, विश्वासों तथा सामाजिक वातावरण से निर्मित होकर उसकी प्रतिक्रिया, निर्णय एवं व्यवहार को प्रभावित करती है। अभिवृत्ति का सही मापन व्यक्तित्व, शिक्षा, व्यवसाय, समाजशास्त्र और मनोविज्ञान में अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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