सीमा शुल्क का अर्थ
सीमा शुल्क को English में (custom) कहा जाता है यह एक शाब्दिक अर्थ है यह रिवाज प्राचीन काल में जब कोई व्यापारी किसी राज्य में अपने माल की विक्री के लिए दूसरे देश में प्रवेश करता है तो उसे राजा को एक बहुमूल्य वस्तु देना पड़ता था इसे ही रिवाज कहा जाता है इस कस्टम शब्द से ही सीमा शुल्क की उत्पत्ति हुई जो की प्राचीन काल में विदेशी व्यापार समुद्री मार्ग से अधिक हुआ करता था किसी भी राज्य के समुद्र तट पर माल रखने पर उसे शुल्क देना होता था इस आधार पर इसे तटकर भी कहते हैं।
सीमा शुल्क की परिभाषा
सीमा शुल्क अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर माल के परिवहन पर लगाए जाने वाला एक अप्रत्यक्ष कर होता है जो माल के आयात एवं निर्यात पर लगाया जाता है इसका उद्देश्य अन्य देशों में प्रतिस्पर्धाओं के राजस्व प्राप्त कर घरेलू उद्योग, व्यापार,व्यवसाय पर्यावरण आदि को सुरक्षित करना है।"
प्रो.जे. के. मेहता के अनुसार, सीमा कर इतिहास में अति प्राचीन करूं में से एक है जो की समय व्यापारियों के लाभ पर एक कर के रूप में लगाया जाता है आजकल के कर लाभ पर न लगाकर उत्पादन करों की भांति वस्तुओं पर कर लगाया जाता है।
सीमा शुल्क के उद्देश्य एवं महत्व
सीमा शुल्क सरकार की आयात निर्यात में विदेशी व्यापारी पर निर्भर रहती है सीमा शुल्क सरकार के लिए केवल आय प्राप्त का ही स्रोत नहीं है बल्कि अपनी विदेशी व्यापार वाणिज्य नीति को लागू करने का महत्व उपकरण है जो सरकार के आय पर शुल्क लगाकर विदेशी माल को अपने देश में आने के लिए प्रतिबंधित करती है भारी आय शुल्क सरकार की संरक्षणत्मक विदेशी व्यापार नीति का महत्वपूर्ण उपकरण है सीमा शुल्क के उद्देश्य एवं महत्व निम्नलिखित है—
1. सीमा शुल्क की दर पर नियंत्रण— स्वतंत्रता के बाद विदेशी उद्योग को संरक्षण देने के लिए व्यापार संतुलन बनाए रखने के लिए विदेशी मुद्रा कोष बनाने के उद्देश्य से आय को नियंत्रण करने के लिए बहुत ऊंची दर से आयात शुल्क लगाया जाता था।
2. देसी उद्योग को संरक्षण— सीमा शुल्क के अंतर्गत आय पर शुल्क लगाने का मुख्य उद्देश्य यह रहा है कि विदेशी माल की प्रतियोगिता से संरक्षण प्रदान करना होता है बहुत सी वस्तुएं ऐसी भी होती है जो अन्य राष्ट्रों द्वारा सस्ती एवं अच्छी वस्तुएं तैयार की जाती है ऐसी स्थिति में देसी उद्योग के लिए अपना माल बेचना कठिन हो जाता है ऐसे उद्योग बंद करने पड़ते हैं इस स्थिति से बचने के लिए विदेशी माल पर भारी आय शुल्क लगाकर उसे महंगा कर दिया जाता है ताकि देसी माल की प्रतियोगिता से टिक सके।
3. डंपिंग पर रोक लगाना— कई बार विदेशी उत्पादक बाजार हथियाने के उद्देश्य से एवं अन्य निर्माता को बाजार से बाहर करने के लिए डंपिंग की क्रिया अपनाते हैं अपना माल लागत से कम मूल्य पर बेचते हैं या फिर बहुत सस्ती मूल्य पर बेचे जाते हैं ऐसे गला काट प्रतियोगिता से देसी उद्योग एवं व्यापार को बचाने के लिए सरकार आए शुल्क में वृद्धि करती है।
4. आवश्यक वस्तुओं के निर्यात पर रोक लगाने हेतु— वैसे तो प्रत्येक सरकार का उद्देश्य निर्यात में वृद्धि करना होता है लेकिन जिन वस्तुओं की मांग देश में होती है जो उन्हें निर्यात करने के लिए सरकार निर्यात शुल्क लगती है जैसे शक्कर, अनाज,खाद्य तेल, दालें आदि पर सरकार निर्यात शुल्क लगती है ताकि यह आवश्यक वस्तुएं देश से बाहर सीमित मात्रा में जाए।
5. महंगी वस्तु को विदेशी मुद्रा मे रोकना— महंगी चीजों को विदेशों में तैयार किया जाता है और विदेश में उस महंगी वस्तुओं का मूल्य काम होता है और वही वस्तु दूसरे देश में आने के बाद उसकी कीमत बढ़ जाती है इस कारण वस्तुओं के आय के लिए विदेशी मुद्रा में कमी रहती है इस समस्या का हल सरकार ने यह निकला है कि सभी वस्तुओं का मूल्य सबसे अधिक होने पर उस वस्तुओं का आय अधिक होनी चाहिए।
6. विदेशी व्यापार संबंधित समझौते — विभिन्न देशों के बीच पारंपरिक व्यापारिक समझौते होती हैं इस समझौती की शर्तों की पूर्ति हेतु सीमा शुल्क पर आरोप लगाया जाता है जैसे गैट समझौता लागू होने के बाद भारत सरकार को कई वस्तुओं के आय को मुक्त करना पड़ा है सीमा शुल्क की दर में कमी करनी पड़ती है।
7. तस्करी पर नियंत्रण— विदेश से गलत तरीके से माल आयात करना और भारत से अवैध रूप से माल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने हेतु सीमा शुल्क अधिनियम में प्रभावी रूप से विलासिता की वस्तुओं की तस्करी को रोकने के लिए अधिनियम में नियंत्रण किया जाता है।
सीमा शुल्क अधिकारी के कार्य एवं अधिकार
Custom अधिकारी को इस बात का पता होना चाहिए कि सीमा शुल्क की चोरी ना हो पाए और सीमा शुल्क सही तरीके से वसूल हो सके।
1. भारत में आ जा रहे व्यक्तियों की छानबीन करने का अधिकार— यदि सीमा शुल्क उचित अधिकारी के पास इस बात का विश्वास करने का कारण है तो कोई व्यक्ति स्वयं को छिपाता है तो उसकी माल या उसके संबंध में कागजातों को छिपाता है तो उस व्यक्ति की जांच कर सकते है।
2. तलाशी लेने का अधिकार— तलाशी का अधिकार सिर्फ कस्टम अधिकारी को ही होता है क्योंकि किसी व्यक्ति ने अपने पास सोना, हीरे तथा सोने के आभूषण घड़ियां आदि कोई माल छुपाया हो जिसको जप्त किया जाता है उसके संबंध में कागजात छिपाये तो वह ऐसे व्यक्ति की तलाशी ले सकता है।
जब कोई कस्टम अधिकारी छानबीन कर रहा हो तो उस व्यक्ति को कस्टम राजपत्रीत अधिकारी या न्यायाधीश के समक्ष ले जाएगा क्योंकि न्यायाधीश के अधिकार से ही छानबीन का आदेश प्राप्त होगा छानबीन करने से पूर्व कस्टम अधिकारी तलाश की गवाही देने के लिए अधिक व्यक्तियों को उपस्थित रखने को रहेगा ऐसा करने के लिए लिखित आदेश जारी करेंगे। कस्टम अधिकारी तलाशी उसके सामने ली जाएगी तथा ऐसी तलाशी के दौरान पकड़ी गई वस्तु की सूची बनाई जाती है और उस पर गवाह के हस्ताक्षर कराई भी जाते हैं।
3. छिपाए गए माल को पकड़ने के लिए व्यक्तियों का एक्सरे करने का अधिकार— जब अधिकारी के पास यह विश्वास करने का उचित कारण हो कि किसी व्यक्ति के पास जप्त करने योग्य माल छिपा है तो उस व्यक्ति को रोक सकता है और उसके बिना अनावश्यक देरी किए उसके सामान की जांच कर सकता है और उससे मजे मजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत कर सकता है यदि मजिस्ट्रेट के आदेश के अनुसार ऐसे व्यक्ति ने शरीर के भीतर कुछ नहीं छिपा रहा है तो उसे मुक्त कर देगा यदि मजिस्ट्रेट को लगता है कि वह व्यक्ति कुछ छुपा रहा है तो उसे परीक्षण के लिए जाने का आदेश जारी करेगा।
4. गिरफ्तारी का अधिकार— कस्टम आयुक्त के समान विशेष आदेश द्वारा इस बारे में कस्टम अधिकारी या जानने के पर्याप्त करण रहता है कि भारत में कई व्यक्ति अपराधी है उसको गिरफ्तार कर सकता है जितनी जल्दी हो सके ऐसी गिरफ्तारी की उसकी सूचना देगा इस प्रकार गिरफ्तारी व्यक्तियों को बिना अनावश्यक देरी किए मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाता है।
5. मकान की तलाशी का अधिकार— यदि सीमा शुल्क किसी सीमा से जुड़े किसी क्षेत्र में होता है तो कई सारी जप्त करने योग्य वस्तु या फिर कागजात उसकी राय में किसी कार्यवाही से जुड़ी वस्तु किसी स्थान पर छिपाई गई हो तो कस्टम के किसी अधिकारी द्वारा स्वयं ऐसे वस्तुओं की तलाशी कर सकता है।
6. निरीक्षण का अधिकार— अधिकारी यह देखने के लिए कानून का पालन हुआ है या नहीं किसी भी स्थान पर जाकर वहां रखे गए माल की निरीक्षण कर सकता है ताकि वह सब अधिकारियों के नियम का पालन सही तरीके से कर रहे हैं या नहीं।
Comments
Post a Comment
Hello, दोस्तों Nayadost पर आप सभी का स्वागत है, मेरा नाम किशोर है, और मैं एक Private Teacher हूं। इस website को शौक पूरा करने व समाज सेवक के रूप में सुरु किया था, जिससे जरूरतमंद लोगों को उनके प्रश्नों के अनुसार उत्तर मिल सके, क्योंकि मुझे लोगों को समझाना और समाज सेवा करना अच्छा लगता है।