भाषा किसे कहते हैं, परिभाषा, भाषा के रूप

भाषा किसे कहते हैं?

भाषा मनुष्य के बीच आपसी विचारों, भावों और इच्छाओं को व्यक्त करने का एक माध्यम है, भाषा ही मनुष्य को पशु समाज से अलग करती है सामान्यतः जिसके माध्यम से लोग अपने विचारों और भावों को एक दूसरे के साथ व्यक्त करते हैं उसे भाषा कहते हैं।


भाषा की परिभाषा

डॉ. भोलानाथ तिवारी के अनुसार:- “भाषा उच्चारण व ध्वनि प्रतिकों कि वह व्यवस्था है, जिसके द्वारा समाज के लोग आपस में भावों और विचारों का आदान-प्रदान करते हैं।”

स्वीट के अनुसार:- “भाषा ध्वन्यात्मक शब्दों द्वारा अपने विचारों को प्रकट करने का माध्यम है।”

क्रोचे के अनुसार:- “भाषा समिति तथा व्यक्त ध्वनियों का नाम है, जिन्हें हम अभिव्यक्ति के लिए संगठित करते हैं।”

डॉ. बाबूराम सक्सेना के अनुसार:- “एक प्राणी अपने अवयव द्वारा दूसरे व्यक्ति पर कुछ व्यक्त कर देता है, यही विस्तृत अर्थों में भाषा है।”


आधुनिक भारत में हिंदी सबसे अधिक लोगों द्वारा समझी और बोले जाने वाली भाषा है, हिंदी भाषा को 14 सितंबर सन् 1949 को राजभाषा अर्थात राष्ट्रभाषा का पद दिया गया।



हिंदी भाषा के विविध रूपों का वर्णन


1. कार्यालयीन भाषा:- भारतीय संविधान में भाषा का संविधान अध्याय 17, अनुच्छेद 343 संघ की राजभाषा देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी भाषा के अनुसार राजभाषा पारिभाषिक शब्द है जिसका अर्थ है सरकारी कामकाज के लिए प्रयुक्त भाषा। राजभाषा के लिए अंग्रेजी शब्द Official Language के रूप में प्रयुक्त होता है। इस शब्द का प्रयोग कानूनी तौर पर स्वतंत्र भारत के संविधान में सर्वप्रथम किया गया। इसके आधार पर हिंदी को कार्यालय भाषा भी कहते हैं इसका क्षेत्र मुख्यतः शासन-प्रशासन, विधान-कार्यपालिका और न्यायालय आदि में है।


2. मीडिया की भाषा:- जब किसी यांत्रिक प्रणाली के प्रयोग से संदेश कई गुना बड़ा दिया जाता है वह संदेश बड़ी संख्या में कई लोगों तक भेजा जाता है तो उसे मीडिया या जनसंचार का नाम दिया जाता है। मीडिया की भाषा का उपयोग मुख्यतः समाचार पत्र, रेडियो, टेलीविजन, फिल्म, टेप रिकॉर्डर, वीडियो कैसेट आदि जनसंचार के आधुनिक माध्यम है। इन माध्यमों में प्रयुक्त की जाने वाली भाषा सरल, सहज एवं स्वाभाविक होती है।


3. विज्ञापन की भाषा:- यह भाषा तीन रूपों में होती है:- लिखित, कायिक, मौखिक-लिखित।


4. वित्तीय एवं वाणिज्य की भाषा:- हिंदी भाषा के विविध रूपों में वित्त एवं वाणिज्य की भाषा की भी अपनी एक अलग पहचान है इसके अंतर्गत व्यापार, वाणिज्य, व्यवसाय, परिवहन, शेयर बाजार, बीमा, बैंकिंग और आयात-निर्यात आदि के क्षेत्र में आते हैं।


5. मशीनी भाषा:- वैज्ञानिक एवं तकनीकी हिंदी से तात्पर्य हिंदी का वह रूप जो कारखाने विज्ञान और तकनीकी शब्दावली से मुख्यतः संबंध रखता है और विज्ञान व टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में उपयोग हो रहा है। मशीनी, विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी परस्पर एक दूसरे के पूरक हैं। इसी के साथ यह सिद्ध हो जाता है कि हिंदी भाषा न केवल साहित्य और प्रशासन का प्रभावी माध्यम है, बल्कि वैज्ञानिक एवं तकनीकी विषय में भी समर्थ भाषा है।


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