अवसर किसे कहते है, अवसर के प्रकार, विश्लेषण, उद्देश्य

अवसर का अर्थ 

अवसर meaning in Hindi: अवसर किसी स्थिति में लाभ उठाने के मौके को कहा जाता है, जब कोई व्यक्ति किसी विशेष स्थिति से लाभ उठाता है तो उसे अवसर कहते हैं। अवसर काल्पनिक एवं स्थाई दोनों प्रकार की होती है। आधुनिक युग में विभिन्न क्षेत्रों के अंतर्गत अनेक प्रकार के अवसर उपलब्ध है किंतु सही अवसर की पहचान करना एक जटिल कार्य बन जाता है।  कुछ लोग अवसर का लाभ उठा लेते हैं तो कुछ लोग अवसर निकाल लेने में सक्षम होते हैं। उदाहरण के तौर पर सरकार देश में खाद का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरणा देने की घोषणा करता है, तो व्यक्ति उस अवसर का लाभ उठाने के लिए खाद निर्मित करना प्रारंभ कर देता है कभी-कभी सरकार निर्यात में वृद्धि करने के लिए उसके लिए विशिष्ट प्रेरणा देती है। इसी प्रकार व्यक्ति किसी सामान्य समाधान करने के लिए अवसर का लाभ उठा सकता है।

अवसर के प्रकार

अवसर निम्न दो प्रकार के होते हैं—

1. पर्यावरण में विद्यमान अवसर— जब कागज निर्माण करने के लिए कारखाना स्थापित किया जाता है तो वही जूते का भी कारखाना स्थापित करना एवं उसका निर्यात करना पड़ता है।

2. निर्मित अवसर— इस अवसर की मदद से टेलीविजन, कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर आदि नई-नई बीमारियों के क्षेत्र में विशाल पैमाने पर अनुसंधान एवं अन्वेषण होने के कारण बड़ी मात्रा में उद्यमिताओं को कारोबार प्रारंभ करने का अवसर प्राप्त होगा।

अवसरों का विश्लेषण

किसी भी परियोजना को प्रारंभ करने के लिए उपलब्ध अवसरों के विश्लेषण से होता है आंख बंद करके कुएं में कूद पडना कोई बुद्धिमत्ता नहीं होता है, क्योंकि अवसर के विशेष आशय किसी परियोजना के विचार गुण एवं दोष, जोखिम, उनकी कमियों का मूल्यांकन करना होता है। परियोजना के इस चरण में व्यक्ति नए विचारों एवं नई तकनीकियों नए अवसरों की खोज करता है इस प्रकार अवसर के विश्लेषण के अंतर्गत व्यक्ति यह ज्ञात करता है कि किसी परियोजना को व्यवहारिक रूप देने से उसे किन-किन बधाओ एवं रूकावटों का सामना करना पड़ेगा। अवसर विश्लेषण के द्वारा व्यक्ति यह निश्चित करता है कि किसी साहसिक कार्य को किया जाना लाभ दायक होता है।

अवसरों के विश्लेषण उद्देश्य

अवसरों के विश्लेषण उद्देश्य निम्नलिखित हैं—

1. एक निश्चित क्षेत्र में तकनीक आर्थिक दृष्टिकोण से भौतिक संसाधनों के उपयोग तथा विकास की संभावना ऑन का मूल्यांकन करना।

2. देश एवं क्षेत्र विशेष की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बड़े पैमाने के उद्योगों की संभावनाओं का अध्ययन एवं उनका परीक्षण करना।

3. उन उद्योगों की पहचान करना जो स्थानीय संसाधनों पर आधारित नहीं होते हैं उन आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ऐसे उद्योगों पर विचार किया जाता है।

4. अन्य क्षेत्रों के लिए संभावित उद्योगी के संदर्भ में अवसर की पहचान करना।

5. व्यवसाय उद्योग के लिए श्रम ,पूंजी ,सामग्री आदि का अनुमान तथा मूल्यांकन करना

व्यावसायिक अवसरों के विश्लेषण

1. बाजार एवं मांग विश्लेषण— आजकल के वर्तमान युग में व्यापारियों के बीच प्रतिस्पर्धा तो देखा ही होगी किसी भी उपक्रम की सफलता उसके उत्पादन की मात्रा पर न होकर इस बात पर निर्भर होता है कि व्यापारियों के बीच प्रतिस्पर्धा उपक्रम अपने द्वारा निर्मित वस्तु की बिक्री करता है आज व्यापारिक इकाई माल का उत्पादन स्वयं के उपभोग के लिए नहीं किया जाता लेकिन बाजार में बेचने के लिए व्यापारिक अधिक प्रयास करता है ताकि वह ग्राहकों को संतुष्टि प्रदान करते हुए लाभ कमाया जा सके।

2. तकनीकी विश्लेषण— इस तकनीकी विश्लेषण से यह पता चलता है कि तकनीकी दृष्टि से स्थापित करना संभव नहीं है तो यह परियोजना की स्थापना के विचार को ही समाप्त कर देना चाहिए उदाहरण के लिए, राम का विचार दिल्ली में कंप्यूटर बनाने का कारखाना स्थापित करने का है किंतु इसके लिए यंत्र विशेषज्ञों का होना आवश्यक होता है।

3. संसाधन विश्लेषण— उधम की स्थापना के लिए संसाधनों का विश्लेषण में यह देखा जाता है कि उपक्रम की स्थापना के लिए कितनी मात्रा में संसाधन उपलब्ध है उसके अनुसार भूमि भवन कच्चा माल यंत्र तकनीक एवं मानव शक्ति आदि को सम्मिलित किया जाता है यदि यह सब उपलब्ध नहीं होता तो अवसर विश्लेषण की प्रक्रिया तुरंत प्रभाव से समाप्त हुई मानी जानी चाहिए।


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