समाचार पत्र पर निबंध | SAMACHAR PATRA PAR NIBANDH (500 शब्दों में)

समाचार पत्र पर निबंध | SAMACHAR PATRA PAR NIBANDH

समाचार पत्र का जन्म 13वीं शताब्दी में इटली के वेनिस नगर में हुआ था, और फिर 17वीं शताब्दी में धीरे-धीरे अपनी उपयोगिता के कारण समाचार पत्र इंग्लैंड पहुंचा और इंग्लैंड से फिर धीरे-धीरे पूरे संसार में फैलता गया।

भारत में सर्वप्रथम कोलकाता में किसका जन्म और विकास हुआ, 19 जनवरी 1780 ई. को “बंगाल गजट” का “कोलकाता जनरल एडवरटाइजर” के प्रकाशन के साथ भारतीय पत्रकारिता का जन्म हुआ।

समाचार पत्र अंग्रेजी के “News Paper” का हिंदी रूपांतर है। NEWS का अर्थ होता है,

N=North   उत्तर

E=East      पूर्व

W=West    पश्चिम

S=South   दक्षिण

Paper अर्थात पत्र

अर्थात ऐसा पत्र जिसमें उत्तर, पूर्व, पश्चिम, दक्षिण इन चारों दिशाओं के समाचार होते हैं उसे हम समाचार पत्र कहते हैं।

निबंध की रेखा

प्रस्तावना
समाचार पत्र का आरंभ
समाचार पत्र का जन्म

प्रस्तावना:- समाचार पत्रों के प्रशंसा जितना करें उतना कम है, आज का नागरिक सुबह उठते ही एक कप चाय और समाचार पत्र की मांग करता है, वह समाचार पत्रों के पृष्ठों पर आंखें दौड़ाकर देश काल की घटनाओं विचारों से वाकिफ होकर मानसिक रूप से वह अपने आपको तरोताजा अनुभव करता है।

देश विदेश की खबरें पहुंचाने के साधन को समाचार पत्र कहते हैं, और हमें देश-विदेश में होने वाली हर दिन की घटनाओं का परिचय समाचार पत्रों के माध्यम से होता है। समाचार पत्र बहुत ही शक्तिशाली यंत्र है जो व्यक्ति के आत्मविश्वास को विकसित करता है। यह लोगों और संसार के बीच संबंध स्थापित करता है तथा हमें अपने देश के नेताओं के विचार धाराओं की जानकारी समाचार पत्रों के माध्यम से प्राप्त होती है।

समाचार पत्र का आरंभ:- भारत में समाचार पत्र का प्रचलन पहले नहीं था, इसे अंग्रेजों ने सन् 1780 ई. में कोलकाता में किया था, यह भारत का सबसे पहला समाचार पत्र था जिसका नाम था “दि बंगाल गैजेट्स” इसका संपादन जेम्स हिक्की ने किया था, यह वह दौर था जब समाचार पत्रों का प्रचलन तेजी से विकसित हो रहा था।

समाचार पत्र का जन्म:- सर्वप्रथम समाचार पत्र का जन्म इटली के वेनिस शहर में हुआ था 17 वीं शताब्दी में इसका प्रचार पूरे यूरोप में हो चुका था, भारत में समाचार पत्र का आरंभ 18वीं शताब्दी में अंग्रेजो के द्वारा हुआ।


समाचार पत्र का महत्व:- समाचार पत्र बहुत ही शक्तिशाली यंत्र है इससे बड़े बड़े नेता भी डरते हैं, कभी-कभी बड़े-बड़े सरकारों को भी उखाड़ सकता है। समाचार पत्र जनता में क्रांति की लहर भी फैलाते हैं और अच्छी सरकार की स्थापना भी करते हैं, समाचार पत्र एक योग्य शिक्षक का भी भूमिका निभाता है हम घर में बैठे-बैठे देश विदेश की जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं। समाचार पत्र हमारे व्यवहारिक ज्ञान को विकसित करता है।

समाचार पत्र आम नागरिकों के लिए बहुत फायदेमंद होती है जैसे समाचार पत्र से नौकरियां तलाश करने वालोें के लिए भी काफी मदद करती है, और व्यापारी भी घर बैठे अपने माल का विज्ञापन समाचार पत्रों के माध्यम से लोगों तक पहुंचा सकते हैं, आज हर घर में इसका उपयोग होता है बड़े बड़े नगरों में लोग सुबह उठते ही एक कप चाय के साथ अखबार पढ़ना पसंद करते हैं।

समाचार पत्र के प्रकार:- देखा जाए तो समाचार पत्र कई सारे हैं जैसे दैनिक, साप्ताहिक एवं मासिक। इन सभी में दैनिक समाचार पत्र का सबसे अधिक उपयोग किया जाता है, क्योंकि दैनिक समाचार पत्र लोगों द्वारा अधिक पढ़ें जाते हैं।

समाचार पत्र की आवश्यकता:- मनुष्य एक समाज में रहने वाला प्राणी है और इस समाज में होने वाले दिन प्रतिदिन की घटनाओं को जानने के लिए हमेशा उत्सुक रहता है। और समाचार पत्र एक ऐसा साधन है जिसके द्वारा दिन प्रतिदिन और चारों दिशाओं की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। सरकार और जनता के बीच की कड़ी समाचार पत्र ही होते हैं समाचार पत्र के द्वारा सरकार की हर बातें योजनाएं आदि का पता चलता है।

उपसंहार:- समाचार पत्रों में संपादकों का बहुत बड़ा दायित्व रहता है, एक अच्छा संपादक जीवन को अच्छे मार्ग पर ले जाता है ताकि जनता सुखी हो। भारत में समाचार पत्रों का काफी विकास हुआ है और हमारे भारत देश में ही समाचार पत्र का भविष्य उज्जवल है। समाचार पत्र मात्र घटनाओं का विवरण नहीं है पलकें समीक्षा और चिंतन का भी है। समाचार पत्रों को हमेशा देश हित एवं लोकहित की भावना से काम करना चाहिए।

Comments