विद्यार्थी जीवन पर निबंध | आदर्श विद्यार्थी पर निबंध

विद्यार्थी जीवन पर निबंध

विद्यार्थी देश की आशा के केंद्र होते हैं, देश का उज्जवल भविष्य विद्यार्थी पर निर्भर होता है। विद्यार्थी नन्हें-नन्हें पौधों के समान हैं जो आगे चलकर राष्ट्र रुपी पेड़ बनकर देश की शोभा बढ़ाते हैं। विद्यार्थी के कंधों पर देश का आभार होगा और वे देश के भावी कर्णधार हैं।

विद्या प्राप्ति का उचित समय विद्यार्थी जीवन है, यह समय विद्यार्थी जीवन आत्मनिर्भर होने की तैयारी का समय होता है। इस काल में विद्यार्थी को शारीरिक नैतिक एवं बौद्धिक विकास करने का पूर्ण अवसर मिलता है। नियम संयम और व्यायाम द्वारा व शारीरिक शक्ति बढ़ाता है।

विद्यार्थी जीवन ही एकमात्र ऐसा जीवन है जो विद्यार्थी के जीवन में चरित्र निर्माण की आधारशिला है। चरित्रवान और योग्य विद्यार्थी की आदर्श नागरिक बनता है और राष्ट्र का भविष्य उज्जवल करता है। विद्यार्थी जीवन में जो विद्यार्थी अपना काम करने में चूक गया उसे जीवन में कभी भी सफलता नहीं मिलती है।

इसलिए विद्यार्थी जीवन में हमें उन सभी कार्यों को करना चाहिए जिससे हमारे भविष्य को उजागर करना करने में सहायता हो।


आदर्श विद्यार्थी के गुण

प्राचीन काल में आदर्श विद्यार्थी के पांच गुण बताए थे जो इस प्रकार से हैं-

  1. जहां से ज्ञान प्राप्त हो सके, उसे प्राप्त करने की चेष्टा करना चाहिए।
  2. पूर्ण लगन से अध्ययन और मनन चिंतन करना चाहिए।
  3. विद्यार्थी अल्प निंद्रा वाला अर्थात अपना समय व्यर्थ सोने में ना गंवाए।
  4. विद्यार्थी को अल्पाहारी होना चाहिए ताकि आलस्य से बचे।
  5. घर के झमेलों से दूर रहकर एकांत में ज्ञान प्राप्त करना चाहिए।
  6. एक विद्यार्थी में विनम्रता, शिष्टाचार, दया, सहानुभूति आदि गुण होने चाहिए।

विद्यार्थी को किताबी ज्ञान के साथ-साथ सामान्य ज्ञान का भी जानकारी होना चाहिए तभी वह जीवन की कठिन समस्याओं को सुलझाने में सामर्थ्य होगा। और विद्यार्थी को साहित्यिक सांस्कृतिक आदि कार्यक्रमों में भी भाग लेना चाहिए ताकि उसके व्यक्तित्व का विकास हो सके।

उपसंहार:- आदर्श विद्यार्थी को सभी प्रेम करते हैं, और आदर्श विद्यार्थी ही आगे चलकर देश का सर्वश्रेष्ठ नागरिक बनता है। अपने ज्ञान और योग्यता से देश को उन्नति के शिखर पर ले जाता है। आज का विद्यार्थी कल का युगपुरुष बनेगा और इसी विद्यार्थी पर सुनहरे भविष्य की आशाएं टिकी है।

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