महिला सशक्तिकरण से क्या आशय है | महिला सशक्तिकरण क्या है?

महिला सशक्तिकरण से क्या आशय है | महिला सशक्तिकरण क्या है?

महिला सशक्तिकरण का आशय महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना ही महिला सशक्तिकरण है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बना कर उन्हें राष्ट्र की मुख्यधारा से जोड़ना इसका उद्देश्य है।

संयुक्त राष्ट्र संघ ने सर्वप्रथम किस वर्ष महिला वर्ष के रूप में मनाया?

संयुक्त राष्ट्र संघ ने सन् 1978 को महिला वर्ष के रूप में मनाया था।


भारतीय महिलाओं की दैनिक स्थिति के कारण

भारतीय महिलाओं की दयनीय स्थिति के कारण इस प्रकार से हैं-

1. अशिक्षा, भारत की अधिकतम नारियों की दयनीय स्थिति का कारण अशिक्षा है।

2. पुरुष प्रधान सामाजिक व्यवस्था के कारण नारी सदैव उपेक्षित रही है।

3. सामाजिक जागरण के अभाव के कारण गांवों में आज भी लोग रूढ़िग्रस्त हैं, अर्थात पुरानी पीढ़ी के बातों को मानते आ रहे हैं।

4. भारतीय दर्शन के अनुसार पुत्र को कुल का दीपक कहा जाता है, इसलिए लड़कियों के पालन पोषण और शिक्षा में आज भी भेदभाव किया जाता है।

5. सरकार द्वारा भी महिलाओं के साथ छलावा किया जा रहा है।


महिला सशक्तिकरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे नियम या प्रावधान

महिला सशक्तिकरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे नियम इस प्रकार से हैं_

1. स्त्री पुरुष को समान काम के लिए समान वेतन का प्रावधान।

2. हिंदू बहु विवाह प्रथा का अंत।

3. दहेज प्रथा के उन्मूलन के लिए दहेज प्रताड़ना अधिनियम।

4. कन्या विद्यालयों की स्थापना व शुल्क में छूट के प्रावधान।

5. स्त्री कल्याण के लिए केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड की स्थापना।

6. हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम में संशोधन, पैतृक संपत्ति में लड़कियों के अधिकार का प्रावधान।

7. मुस्लिम महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए मुस्लिम महिला अधिनियम 1986 का क्रियान्वयन।

8. अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1987 और 1995 द्वारा महिला प्रताड़ना को रोकने का प्रावधान।

9. महिलाओं से दुर्व्यवहार करने पर 1986 अधिनियम के तहत दुराचार करने वालों के लिए सजा और जुर्माना का प्रावधान।

10. भारतीय दंड संहिता के अनुसार धारा 376 (बलात्कार), धारा 354 (लज्जाभंग), 494 (जारकर्म), 498 (दहेज प्रताड़ना) के लिए दोषी पर आजीवन कारावास का प्रावधान है।

11. सती प्रथा उन्मूलन के लिए क्षति निवारण अधिनियम 1987 लागू किया गया है।

12. मुस्लिम महिला अधिनियम 1986 के तहत मुस्लिम महिलाओं को मेहर राशि और अन्य संपत्ति के साथ भरण पोषण का भी अधिकार दिया गया है।


महिला सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाएं

नोट:- महिला सशक्तिकरण के लिए सभी राज्य अपने राज्य के महिलाओं के लिए अलग-अलग अभियान चला रही हैं, इन सभी योजनाओं का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है।

कुछ राज्यों के योजनाएं इस प्रकार से हैं-


छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा नारी सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही योजनाएं

  1. महिला समृद्धि योजना- अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए इस योजना को लागू किया गया है, जिससे महिलाएं स्वरोजगार प्राप्त कर सकें और इन महिलाओं के लिए स्वरोजगार की माइक्रोक्रेडिट योजना प्रारंभ की गई है। पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार ने 6% ब्याज राशि पर 5000 तक के बैंक ऋण जिला स्तरीय चयन समिति द्वारा स्वीकृत किया जाता है।
  2. कन्या साक्षरता को प्रोत्साहन- इस योजना के अंतर्गत स्कूलों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति की कन्याओं को साक्षर बनाने हेतु निशुल्क प्रति वर्ष 9वीं कक्षाओं की लड़कियों को सायकल प्रदान किया जाता है।
  3. दाई प्रोत्साहन योजना- ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसव कार्य कराने हेतु दाई को प्रति प्रसूति 25 की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाती है जो मुख्य चिकित्सा अधिकारी की सिफारिश पर कलेक्टर द्वारा दी जाती है।
  4. कृषि में भागीदारी- कृषि विभाग द्वारा कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने वाली जिला पंचायत के कृषि समिति में उनकी उपस्थिति आवश्यक की गई है।
  5. अंतर्जातीय पुरस्कार प्रोत्साहन योजना- इस योजना के तहत ऊंच-नीच और छुआछूत को खत्म करने के उद्देश्य से यदि कोई वयस्क अनुसूचित जाति वर्ग की महिला से अंतरजातीय विवाह करता है तो ऐसे दंपत्ति को ₹5000 नगद पुरस्कार के रूप में और ₹1000 आने जाने का खर्चा राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है।
  6. आगमन सत्ता योजना- छात्रावास में प्रवेश लेने पर प्रथम वर्ष 800 द्वितीय दी जाती है और निशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण राजीव गांधी शिक्षा मिशन की ओर से 9वीं से 10वीं की अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की छात्राओं को दिया जाता है।
  7. छत्तीसगढ़ निर्धन कन्या सामूहिक विवाह योजना:- इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के निर्धन परिवारों को विवाह के संबंध में आर्थिक कठिनाइयों के समाधान के लिए यह योजना प्रारंभ की गई है। 18 वर्ष से अधिक आयु की 2 कन्याओं के सामूहिक विवाह आयोजन के लिए प्रति कन्या ₹1000 की राशि देने का प्रावधान है।


महिला सशक्तिकरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे सरकारी योजनाएं

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना- भारत सरकार द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना 22 जनवरी 2015 को लागू की गई थी, इस योजना के अंतर्गत बालिका शिशु को बचाने के लिए गर्भपात से पहले शिशु की जांच प्रक्रिया को दंडनीय अपराध माना है। जांच कराने पर दंड भुगतना पड़ सकता है। इस यूज और इस योजना के अंतर्गत बेटियों को पढ़ने के लिए भी जागरूक किया जा रहा है इसके लिए कई सारी नि:शुल्क सुविधाएं भी दी जा रही है।

जैसे:-

    • महिलाओं के लिए Gov. Vacancy में शुल्क माफी।
    • 9वीं कक्षा में नि:शुल्क साईकिल वितरण।

और ऐसे ही कई सुविधाएं दी जाती है जो हम आगे जानेंगे।

इस योजना को मुख्यता 3 मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है, महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय, मानव संसाधन मंत्रालय

इस योजना के उद्देश्य:-

    • बच्चों के जन्म से पहले शिशु जांच पर रोक लगाना।
    • बालिकाओं की शिक्षा को सुनिश्चित करना।
    • बालिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना।

सुकन्या समृद्धि योजना- यह योजना 2015 में शुरू की गई थी, इस योजना के अंतर्गत 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चियों के लिए सरकार सुकन्या समृद्धि योजना के तहत Bank Account खुलवा कर उसमें मात्र 250  से लेकर अधिकतम 1,50,000 रुपए तक सालाना जमा कर सकते हैं, और इस योजना की ख़ास बात यह है कि इसमें 7.60% सालाना ब्याज दिया जाता है।

आइए इसे विस्तार से समझते हैं_

मान लीजिए आप वर्ष में 1,00,000 (एक लाख) जमा कर रहे हैं तो 7.60% ब्याज के हिसाब से

वर्ष
प्रतिवर्ष जमा राशि
ब्याज
साल के अंत में कुल राशि
2023
1,00,000
7,600
1,07,600
2024
1,00,000
15,777.6
2,23,377.6
2025
1,00,000
24,576.70
3,47,954.30

सुकन्या समृद्धि योजना के उद्देश्य

  • कन्याओं के उज्जवल भविष्य के लिए सहायता।
  • उनकी शादी की आयु में उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करना।


प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना- इस योजना की शुरुआत 1 मई 2016 को की गई थी, इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक घर के मुख्या महिलाओं के लिए एक चूल्हा और गैस सिलेंडर 200 रुपए में प्रदान किए गए थे। जिससे ग्रामीण क्षेत्र के महिलाओं को लकड़ी ढोने और चूल्हा फूकने से राहत मिल सके, इसके लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत की गई थी।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के उद्देश्य

  • इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण परिवारों की महिलाओं को लकड़ी धोने चूल्हा फूटने आदि परेशानियों से मुक्त कराना था, और इससे पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा था, इसलिए इस योजना को शुरू किया गया था।


जननी सुरक्षा योजना- जननी सुरक्षा योजना इस योजना की शुरुआत 1 जून 2011 को की गई थी, इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं के लिए 1400 की धनराशि प्रदान की जाएगी, इसके साथ ही आशा सहयोगी प्रोत्साहन महिला को ₹300 दिए जाएंगे।

और साथ ही शहरी क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं के लिए इस योजना के अंतर्गत 1000 की सहायता राशि प्रदान की जाएगी, इसके अलावा आशा सहयोगी प्रसव प्रोत्साहन महिला के लिए ₹200 प्रदान किए जाएंगे।

जननी सुरक्षा योजना के उद्देश्य:-

  • इस योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा करना है।


मध्य प्रदेश सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए चलाए जा रहे योजनाएं_

1. लाड़ली लक्ष्मी योजना:- इस योजना को मध्य प्रदेश सरकार ने 1 अप्रैल 2007 को लागू की गई थी, इस योजना के अंतर्गत बालिका जन्म के प्रति लोगों में सकारात्मक सोच लाना और बालिकाओं की शैक्षणिक स्तर तथा स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार लाना है।

साथ ही इस योजना के अंतर्गत लगातार 5 वर्षों तक 6000 दिए जाते हैं, इस प्रकार कुल राशी 30,000 हो जाती है, और जैसे ही बालिका छठवीं कक्षा में प्रवेश लेती है तब उसे 2000 दिया जाता है और जब वह नवी कक्षा में प्रवेश लेती है तब उसे 4000 दिया जाता है और जब कक्षा 11वीं में प्रवेश लेती है तब उन्हें 6000 दिया जाता है और जब वह 12वीं कक्षा में प्रवेश लेती है तब उन्हें 6000 दिया जाता है, और अंतिम भुगतान ₹1,00000 (एक लाख) 21 वर्ष होने पर तथा 12वीं की परीक्षा में शामिल होने पर दिया जाता है। इस प्रकार कुल राशि 1,48,000 हो जाती है।

2. शौर्य दल:- इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सूक्ष्म बनाने के उद्देश्य से प्रत्येक आंगनबाड़ी स्तर पर मूल्यांकन के आधार पर सारे दल का गठन किया गया है। शौर्य दल का गठन ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी स्तर पर किया जा रहा है और इस गर्ल में 10 सदस्य होते हैं 5 महिला और 5 पुरुष को चुना जाता है और समाज के गांव और मोहल्ले में स्वेच्छा पूर्वक सामाजिक कार्य किए जाते हैं। और किसी भी हिंसा से पीड़ित महिला को सहायता दिलाने के लिए शासकीय अधिकारी से संपर्क कर जागरूक बनाने में सहायता की जाती है।

3. मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना:- इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को किसी भी हिंसा से पीड़ित पारिवारिक सहायता नहीं मिलती है और जीवन यापन करने के सभी रास्ते बंद हो जाते हैं इस परिस्थिति में परिवार और समाज मैं पुनर्स्थापित करने के लिए विशेष सहयोग की आवश्यकता होती है। इस स्थिति में पीड़ित महिला की आत्मनिर्भरता को बढ़ाने के लिए कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना के उद्देश्य

  • आपातकालीन स्थिति में महिलाओं की सहायता करना।
  • पीड़ित महिला को पुनर्स्थापित करना।
  • महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना।
  • महिला का सामाजिक आर्थिक और शैक्षणिक स्तर बढ़ाना।
  • महिलाओं को स्वरोजगार हेतु प्रेरित करना।

और ऐसे ही अन्य कई योजनाएं हैं जैसे

4. उदिता योजना

5. लालिमा योजना

6. स्वागतम लक्ष्मी योजना

7. उषा किरण योजना

आदि इस प्रकार से बहुत सारे योजनाएं महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए बनाई गई है।


स्त्रियों की स्थिति में सुधार हेतु कोई चार उपाय लिखिए

स्त्रियों की स्थिति में सुधार हेतु 4 उपाय इस प्रकार से हैं

1. महिला बाल कल्याण विकास विभाग को सक्रिय बनाया जाए और स्त्री कल्याण बोर्ड की स्थापना की जाए।

2. अनुच्छेद 15 के अनुसार बिना भेदभाव के महिलाओं को नौकरी और तरक्की देना।

3. व्यवसायिक पाठ्यक्रम हेतु महिलाओं को विशेष छात्रवृत्ति दी जाए और जीवन स्तर की दशाओं में सुधार किए जाए।

4. स्त्रियों को नि:शुल्क स्नातक स्तर तक की शिक्षा देना।

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