SEBI क्या है, Sebi का अर्थ, Sebi Full Form, Sebi के कार्य

SEBI का फुल फार्म

Sebi का फुल फार्म है Securities and Exchange Board of India. अर्थात भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड है।

SEBI का अर्थ

देश की अर्थ व्यवस्था में शेयर बाजार की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, और इस अर्थ व्यवस्था में नए निवेशकों की संख्या में तीव्र गति से वृद्धि हो रही है, इन्ही निवेशकों की आर्थिक सुरक्षा के लिए सन् 1992 में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड की स्थापना की गई थी।

SEBI क्या है

Sebi क्या है?

Sebi अर्थात Securities and Exchange Board of India जिसका हिंदी अर्थ होता है "भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड" आपने RBI का नाम सुना होगा (भारतीय रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया) जिस प्रकार RBI इस देश में जितने भी बैंक हैं उन सभी बैंकों का बैंक है और इन सभी बैंकों पर RBI का नियंत्रण होता है, अर्थात किस दर से लोगों को ब्याज देना है इसका निर्णय भी RBI ही करती है।
ठीक इसी तरह से SEBI हमारे देश में जितने भी Stock Market (शेयर बाजार) हैं इन पर नियंत्रण रखने का कार्य करती है।
उम्मीद है कि अब आपको SEBI क्या है समझ में आ गया होगा।

सेबी का मुख्यालय कहाँ है

सेबी का मुख्यालय मुंबई में है।

सेबी का अध्यक्ष कौन है

Sebi का अध्यक्ष एक महिला है जिनका नाम "सुश्री माधबी पुरी बुच" है।

सेबी के सदस्यों का कार्यकाल कितने वर्षों का होता है?

Sebi के सदस्यों का कार्यकाल पाँच वर्षों का होता है।

Sebi के उद्देश्य

1. निवेशकों की सुरक्षा- सेबी का पहला उद्देश्य निवेशकों को सुरक्षा प्रदान करना है, क्योंकि बाजार में निवेशक ही नहीं होंगे तो बाजार का क्या महत्व होगा। इसलिए निवेशकों को सुरक्षा प्रदान करके ही पूंजी बाजार में बचत निधि का सतत प्रवाह बना रह सकता है। अतः उन निवेशकों की वृद्धि के लिए सेबी की स्थापना की गई है, ताकि जो व्यक्ति बाजारों में पैसा लगा रहे हैं उनके हितों की रक्षा की जा सके।

2. उचित व्यवहार- जो व्यक्ति शेयर बाजार में निवेश कर रहा है उनके साथ उचित व्यवहार किया जाना चाहिए एवं पूंजी बाजार से संबंधित समस्त पक्षकारों को श्रेष्ठ सेवाएं प्रदान की जाए, यह सेबी का प्रमुख उद्देश्य है।

3. अधिकृत सूचनाएं- सेबी का एक मुख्य उद्देश्य यह भी है कि निवेशकों को कंपनी से संबंधित अधिकृत सूचनाएं उपलब्ध करवाकर उनका विश्वास बनाए रखना है, अथवा किस अंश की क्या रेट चल रही है उनकी सूचनाएं देना, ताकि निवेशकों की संख्या में वृद्धि हो सके।

4. बाजार उपलब्ध कराना- बाजार उपलब्ध कराना अर्थात जो लोग किसी भी उद्योग से लंबे समय तक पैसा कमाना चाहते हैं उनके लिए सेबी बाजार उपलब्ध करवाती है ताकि उद्योग में कार्यरत लोग अपने प्रोडक्ट को बाजार के माध्यम से लोगों को सेल कर सके और इससे लाभ प्राप्त कर सकें।

5. आंतरिक उद्देश्य- कुछ प्रभावशाली व्यक्ति गुप्त रूप से कंपनी से संबंधित जानकारी प्राप्त कर लाभ उठाते हैं इससे जो सामान्य निवेशक है उनके हित प्रभावित होते हैं अतः सेबी इन आंतरिक ट्रेडिंग की व्यवस्था को रोकने का प्रयास करता है।

सेबी स्थापना करने के कारण

  1. Stock Market में Invest करने वाले लोग उन नियमों को तोड़ देते है या अनदेखा करते है जिनके कारण इसकी स्थापना हुई है।
  2. Stock Market के जो Agents होते है ओ दलाली करते है अर्थात पैसों को सही समय पर नहीं पहुचते है जिनके कारण भी इसकी स्थापना हुई है।
  3. Compney की अधिनियम की अवहेलना करने के कारण।
  4. Stock Market के नियमों को तोड़ने या अनदेखा करने के कारण।
  5. अंशों की कीमतों को जानबूझकर घटाना या बढ़ाना।
तो ये थे हमारे पाँच ऐसे कारण जिनके वजह से सेबी की स्थापना की गई है।

सेबी का क्या कार्य है

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के द्वारा निम्न तीन प्रकार के कार्य किए जाते हैं

सुरक्षात्मक कार्य

1. आंतरिक ट्रेडिंग को रोकना था कि सामान्य निवेशकों के हित सुरक्षित रह सके।
2. ऐसे झूठे कथन पर प्रतिबंध लगाना जिससे प्रभावित होकर निवेशक प्रतिभूतियों का क्रय विक्रय करें।
3. निवेशकों को शिक्षित करना।
4. नए निर्गमन को लेकर प्रवेश करने वाली कंपनी के दोषपूर्ण व्यवहार पर रोक लगाना।
5. प्रतिभूति बाजार में धोखाधड़ी एवं अनुचित कार्यों पर प्रतिबंध लगाना।

विकासात्मक कार्य

1. प्रतिभूति बाजार के मध्यस्थों को प्रशिक्षण देना।
2. शोध एवं अनुसंधान आयोजित करना।
3. पूंजी बाजार से संबंधित सभी पक्षकारों की सुविधा के लिए विभिन्न प्रकार की सूचनाएं प्रकाशित करना।
4. पंजीकृत शेयर दलालों को इंटरनेट व्यापार की अनुमति देना।
5. पूंजी बाजार को विकसित करने के उपाय करना एवं लोचपूर्ण दृष्टि रखना।

संचालन या नियमन संबंधी कार्य

1. धोखेबाजी एवं अनुचित व्यापार ओं की रोकथाम करना।
2. अधिनियम के उद्देश्यों के बाहर किए जाने वाले गतिविधियों पर अधिक शुल्क या कोई अन्य प्रभार लगाना।
3. प्रतिभूति अनुबंध अधिनियम 18 सो 56 के तहत दिए गए अधिकारों को निष्पादित एवं क्रियान्वित करना जो कि भारत सरकार द्वारा सौंपे जा सकते हैं।
4. उद्यामों में पर्यवेक्षण करना, शेयर बाजारों में जांच-पड़ताल व परीक्षण करना।
5. दलालों एवं उप दलालों तथा बाजार के अन्य सभी खिलाड़ियों का पंजीकरण करना।

निष्कर्ष

Hello Dear Students, तो आज के इस लेख में हमने आपको sebi क्या है कौन-कौन से कार्य करती है, सेबी का क्या उद्देश्य है, सेबी को स्थापित करने के क्या कारण हैं, सेबी का मुख्यालय कहाँ है इन सबके बारे में Detailes में समझाने का प्रयास किया है, हम आशा करते हैं की आपको अच्छे से समझ में आ गया होगा, अगर हमारा ये पोस्ट आपको अच्छा लगे तो अपने Class में जो दोस्त हैं उनके साथ Share करें, और अपना ज्ञान बाँटे, क्योंकि ज्ञान बांटने से बढ़ता है ना कि घटता है। धन्यवाद! Have A Good Day.....

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