प्रबंध के सिद्धांतों का महत्त्व क्या है?

प्रबंध के सिद्धांतों का महत्त्व

प्रबंध के सिद्धांतों का प्रबंध किए कार्यों में सुधार लाने के लिए सिद्धांत ही प्रबंध के कार्य का महत्व माना जाता है और इसे प्रदान करते हैं प्रबंध के सिद्धांत निम्न है— 

1. कार्य क्षमता में वृद्धि लाना— प्रबंध के सिद्धांत के अनुसार सभी कार्य करने में प्रबंध को फोरमैन व कर्मचारी की कार्यकुशलता को देखते हुए व उनकी क्षमता में वृद्धि करते हैं सिद्धांतों के आधार पर यह देखा जाता है कि श्रेष्ठ तरीके से कार्य भी किया जाता है।

2. प्रशिक्षण में सहायता— प्रशिक्षण के आधार पर सिद्धांतों से कोई भी कार्य सुनिश्चित नहीं किया जा सकता क्योंकि प्रक्रिया व विधि के अनुसार समापन भी हो सकता है यह सिद्धांत प्रशिक्षण में अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं और इससे बड़े सिद्धांतों के आधार पर ही इसे उपयोग किया जाता है हर यह देखा जाता है कि यह प्रशिक्षण नियम बंद है या नहीं प्रबंध को प्रबंध को प्रशिक्षण दाताओं को सिद्धांत बहुत सहायक सिद्ध किया जाता है।

3. प्रबंध का विस्तृत ज्ञान होना— सिद्धांतों के माध्यम से प्रबंध को परिभाषित किया जाता है क्योंकि प्रबंध का क्या इसका विस्तृत ज्ञान केवल इस के सिद्धांतों के आधार पर इसे अध्ययन किया जाता है और इसे कैसे प्राप्त किया जा सकता है और सिद्धांतों के आधार पर प्रबंध की प्रक्रिया वह प्रकृति को बताया जाता है इस सिद्धांतों के प्रबंध के ज्ञान को काफी विधि के तौर पर बताया जाता है।

4. अनुसंधान में सुविधा होना— अनुसंधान के अनुसार प्रबंध का क्षेत्र में अनुसंधान करते समय यह ध्यान में रखा जाता है कि सिद्धांत अत्यधिक महत्वपूर्ण भी होता है इससे कर्मचारियों को श्रमिकों की वस्तुएं स्थिति ज्ञात की जाती है।

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