नातेदारी का अर्थ
समाज में मानव अकेला नहीं होता जन्म से ले कर मृत्यु तक वह अनेक व्यक्तियों से घिरा हुआ होता है। इसका संबंध एकाधिक व्यक्तियों से होता है, परंतु इनमें से सबसे महत्वपूर्ण संबंध उन व्यक्तियों के साथ होता है जो कि विवाह बंधन और रक्त संबंध के आधार पर संबंधित है। उसे ही हम साधारण शब्दों में नतेदारी कहते हैं।
नातेदारी की परिभाषा
1. मजूमदर और मदन के अनुसार- "इनका कहना है कि मनुष्य विभिन्न प्रकार के बंधनों के समूहों से बंधे हुए होते हैं। इन बंधनों में सबसे अधिक मौलिक बंधन है, जो की संतान उत्पत्ति पर आधारित है, और आंतरिक मानव प्रेरणा है, यही नातेदारी कहलाती है।"
2. लूसी मेयर के अनुसार -"लूसी मेयर का कहना है कि सामाजिक संबंधों को वैज्ञानिक शब्दों में व्यक्त किया जाता है।"
3. रैडक्लिफ ब्राउन के अनुसार , -"उद्देश्यों के लिए स्वीकृत वंश व रक्त संबंध है जो कि सामाजिक संबंधों के परंपरात्मक संबंधों का आधार है।"
नातेदारी के प्रकार | नातेदारी कितने प्रकार के हैं
नातेदारी से संबंधित सभी व्यक्तियों को दो श्रेणियों में अलग किया जा सकता है जो कि इस प्रकार से है- अब यहाँ आपका सवाल आता है कि नातेदारी कितने प्रकार के होते हैं, नातेदारी दो प्रकार के होते हैं_
- रक्त संबंधी नातेदारी
- विवाह संबंधी नातेदारी
1. रक्त संबंधी नातेदारी- इसमें वे लोग आते हैं जो सामान रक्त के कारण एक-दूसरे से संबंधित होते हैं। उदाहरण के लिए माता पिता और उनके बच्चे अथवा भाई बहन समान रक्त से संबंधित होने के कारण रक्त संबंधी नातेदार होंगे। एक बच्चे ने उसके पिता दादा दादी मां नाना नानी आदि का रक्त होने की संभावना की जा सकती है तो वह सभी व्यक्ति उस बच्चे के रक्त संबंधी नातेदार होंगे। इसके बाद में या ध्यान रखना आवश्यक है कि विभिन्न रक्त संबंधियों के बीच वास्तविक रक्त संबंध होना सदैव आवश्यक नहीं होता। बहुत सी स्थिति में रक्त संबंध कल अपनी कथा माना हुआ भी हो सकता है। उदाहरण के लिए नीलगिरी की पहाड़ियों पर रहने वाली टोडा जनजाति में एक स्त्री अनेक पुरुषों से विवाह करती है। ऐसी स्थिति में अज्ञात नहीं किया जा सकता कि उस स्त्री से जन्म लेने वाले बच्चे का वास्तविक पिता कौन है? जो पति संस्कार के द्वारा उसे धनुष बाण भेंट करता है, तो उसे जन्म लेने वाले बच्चे का पिता माना जाता है।
2. विवाह संबंधी नातेदारी- अब प्रश्न आता है वैवाहिक नातेदारी क्या है यह नातेदारी संबंध उन व्यक्तियों के बीच स्थापित होते हैं, जो विवाह के द्वारा एक-दूसरे से संबंधित माने जाते हैं। विवाह के द्वारा एक व्यक्ति को संबंध केवल अपनी पत्नी से ही नहीं होता बल्कि पत्नी पक्ष के अनेक दूसरे व्यक्तियों से विस्थापित हो जाता है। उदाहरण के लिए, उसका अपनी पत्नी के भाई बहनों, माता पिता, बहनों के बच्चों, भाई की पत्नी, वाहनों के पति, और भाइ के बच्चों से भी बहनोई, दामाद, मौसा, नंदोई, साढ़ू , फूफा आदि के रूप में संबंध स्थापित हो जाता है। इसी प्रकार एक स्त्री विवाह के द्वारा केवल पत्नी ही नहीं बनती बल्कि अपने पति के माता-पिता, भाई, बहनों, भाई की पत्नियों, बहनों के पत्तियों तथा वंश के अन्य व्यक्तियों के संदर्भ में भी उसे एक विशेष परिस्थिति प्राप्त हो जाती है इन सभी परिस्थितियों के बीच स्थापित होने वाले संबंधों का आधार रक्त ना होकर विवाह होता है। तथा ऐसे नातेदारी कभी-कभी रक्त संबंधियों से भी अधिक व्यापक हो जाती है। इस प्रकार रक्त संबंधीत तथा विवाह संबंधियों के बीच विकसित होने वाली संपूर्ण नातेदारी को ही हम नातेदारी व्यवस्था के नाम से संबोधित करते हैं।
नातेदारी का महत्व
1. मानव शास्त्र के अध्ययन में उपयोगी- मानव शास्त्र एक स्वतंत्र विज्ञान है। इस विज्ञान के ज्ञान की प्राप्ति के लिए नातेदारी का ज्ञान आवश्यक है। इसके आधार पर समाज की संरचना को समझने में मदद मिलती है।
2. मानसिक संतुष्टि- नातेदारी के ज्ञान से व्यक्ति को मानसिक संतोष प्राप्त होता है। साथ ही व्यक्ति स्वयं को अकेला नहीं समझता है। उसका भी कोई अपना है ऐसा एहसास उसे अपने मस्तिष्क में होता है।
3. सामाजिक दायित्वों का निर्वाहन- मनुष्य सामाजिक प्राणी है। उसके अनेक सामाजिक दायित्व हैं इन दायित्वों के निर्वाहन में नातेदारी मदद करती है। रिश्तेदार पर्व त्यौहार तथा सांस्कृतिक कार्य में सम्मिलित होकर अपने दायित्वों का निर्वाह करते हैं।
4. आर्थिक सहयोग- सदस्यों का आर्थिक सहयोग प्रदान करने में भी नातेदारी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। नातेदारी व्यक्तियों को आर्थिक संकट से उबारती है।
5. अन्य महत्व- नातेदारी के अन्य महत्व निम्नलिखित हैं-
- विवाह और परिवार का निर्धारण।
- वंशावली उत्तराधिकार और पदाधिकारी का निर्धारण।
- समाज के विकास के स्वरों को समझने में मदद करना।
- व्यक्तियों के व्यवहारों को नियंत्रित करना।
- व्यक्तियों के अधिकारों तथा कर्तव्यों का निर्धारण।
- व्यक्तियों को सम्मान और प्रतिष्ठा देना।
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Bahut ache sir
ReplyDeleteThankyou' have a good day❤️❤️❤️❤️
Delete12
DeleteGood work
ReplyDeleteApna Anubhav Share karne ke liye Dhanyawad ❤️❤️❤️
DeleteHave a good day.
Thank you
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ReplyDeleteWelcome 💐💐
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ReplyDeleteWelcome 💐 have a good day.
DeleteThanku so much sir ☺️
ReplyDeleteWelcome 💐💐💐
DeleteGood Good very Good answer
ReplyDeleteThankyou
DeleteBahut hi acha likha hai apne
ReplyDeleteThankyou ❤️
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ReplyDeleteWelcome, have a good day...
DeleteNice sir ☺️👍
ReplyDeleteGood👍👍
ReplyDeleteYe ans bahut acche se likha hua hai thank you sir 🙂
ReplyDeleteWelcome 💐 have a Good Day
DeleteThankyou sir
ReplyDeleteYou are great sir
DeleteBahut hi Simple answer hai samjhne mai koi dikkat nahi hui. Thank You ❤
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