कृषि के प्रकार
आज हम कृषि के प्रकारों में आज इन सात प्रकारों के बारे में पढ़ेंगे|
1. स्थानांतरित कृषि-
स्थान बदल बदल कर की जाने वाली कृषि को स्थानांतरित कृषि कहते हैं।
स्थानांतरित कृषि की विशेषताएं
- खेतों का आकार बहुत छोटा होता है।
- इस कृषि में पुराने औजारों का प्रयोग किया जाता है।
- दो-तीन वर्षों के बाद खेतों को बदला जाता है।
2. स्थाई कृषि-
स्थाई कृषि पद्धति में कृषक एक ही स्थान पर निवास कर कृषि करते हैं।
स्थाई कृषि की विशेषताएं-
- विश्व के अधिकांश मैदानी भागों में स्थाई कृषि की जाती है।
- वर्तमान में वैज्ञानिक विधि से कार्य किया जाता है।
- अधिकतम उत्पादन लेने का प्रयास किया जाता है|
3. गहन या सघन कृषि -
इस प्रकार की कृषि अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्रों में किया जाता है। जहां भूमि सीमित होता है और श्रम पूंजी व अन्य सुलभ साधनों का प्रयोग करके अधिक उत्पादन एवं अधिक फसलों को लेने का प्रयास किया जाता है, इसे ही गहन या सघन कृषि कहते हैं।
गहन या सघन कृषि की विशेषताएं
- आधुनिक तकनीक तथा वैज्ञानिक विधि से कृषि कार्य किया जाता है।
- जोतों का आकार अपेक्षाकृत बड़ा होता है।
- वर्ष में एक से अधिक हंसने ली जाती है।
- उत्पादन अधिक होता है।
- खाद्यान्न फसलों की प्रधानता होती है जैसे - चावल।
4. व्यवसायिक कृषि-
इस कृषि पद्धति में फसलों का उत्पादन नगद लाभ या व्यापार की दृष्टि से किया जाता है। इसके अंतर्गत विशेष प्रकार की नगदी फसलें उगाई जाती है।
व्यवसायिक कृषि की विशेषताएं -
- कृषि की यह आधुनिकतम पद्धति है।
- कृषक फसल का उत्पादन व्यापार के लिए करता है।
- यह कृषि बहुत बड़े पैमाने पर की जाती है।
- इस पद्धति में फसल तथा पशुओं का विशिष्ट करण हो जाता है।
- इसमें आधुनिक वैज्ञानिक तकनीक का उपयोग किया जाता है।
- सभी प्रकार की उत्तम खाद उर्वरक औषधियां तथा मशीनों आदि का प्रयोग किया जाता है।
- कृषि क्षेत्र बाजार व परिवहन साधनों से जुड़ा होता है।
- इस प्रकार की कृषि विकसित देशों में की जाती है।
- कृषि का अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर विशेष प्रभाव पड़ता है।
- फसल का उत्पादन व्यापार के उद्देश्य से किया जाता है।
5. विस्तृत कृषि-
यह एक नवीन पद्धति है इस पद्धति में विस्तृत भूखंड पर कम जनसंख्या के कारण मशीनों द्वारा कृषि की जाती है।
विस्तृत कृषि की विशेषताएं -
- यह कृषि कम जनसंख्या वाले क्षेत्र में की जाती है।
- खेतों का आकार काफी बड़ा होता है।
- मशीनों के द्वारा कृषि कार्य किया जाता है।
- नवीन पद्धति से कृषि कार्य किया जाता है।
- खेतों का आकार फार्मो के रूप में होता है।
6. व्यापारिक कृषि-
व्यापार के उद्देश्य से की जाने वाली कृषि को व्यापारिक कृषि कहते हैं|
व्यापारिक कृषि विशेषताएं-
- इन कृषि प्रदेशों में दूध देने वाली जर्सी जैसी अन्य कई जातियों की गाय पाली जाती है। गाय के अतिरिक्त मुर्गी सूअर आदि भी पाले जाते हैं।
- इस कृषि में पशुपालन वैज्ञानिक ढंग से किया जाता है अतः अधिक श्रम तथा पूंजी की आवश्यकता होती है।
- दूध तथा दूध से बने पदार्थों का वितरण दूरी के अनुसार होता है, नगरों के समीप स्थित फार्मों से प्रतिदिन ताजा दूध सीधे बाजार भेज दिया जाता है, तथा अधिक दूर वाले स्थान पर मक्खन तथा पनीर का निर्यात किया जाता है।
7. मिश्रित कृषि -
मिश्रित कृषि का तात्पर्य है कृषक कृषि के साथ-साथ पशुपालन तथा अन्य सहायक व्यवसाय भी अपनाता है।
मिश्रित कृषि की विशेषताएं-
- खेतों का आकार छोटा होता है।
- कृषि कार्य के साथ-साथ पशुपालन भी होता है।
- खाद्यान्न फसलों को हेरफेर कर बोया जाता है।
- वैज्ञानिक तकनीकी कृषि यंत्रों, उर्वरकों का उपयोग किया जाता है।
- एक ही परिवार के सदस्य फार्म पर कार्य करते हैं।
- परिवहन साधन संपन्न होते हैं।
- मिश्रित कृषि क्षेत्र के निकट औद्योगिक क्षेत्र होते हैं।
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- कृषि के कितने प्रकार होते हैं?
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ReplyDeleteAgar aapko Baaki 4 pata ho to Comment kijiye isse baaki logon ki bhi sahayata hogi..
DeleteAur ishi tarah padhte rahiye aage badhte rahiye..