भारतीय संविधान की विशेषताएं | bhartiya sanvidhan ki visheshtaen

हेलो दोस्तों आज हम जानेंगे भारतीय संविधान की सभी विशेषताओं के बारे में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत की संविधान सभा ने भारत का नवीन सुविधा निर्मित किया गया। 26 नवंबर 1949 ई. को नवीन संविधान बन कर तैयार हुआ, इस संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी थे। जो कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे यह संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया।अब यहां एक सवाल बनकर आता है, कि संविधान कब लागू हुआ तो आप हमेशा याद रखिए कि संविधान 26 जनवरी सन 1950 को लागू हुआ। जिसे हम 26 जनवरी के रूप में मनाते हैं। 

यह संविधान सबसे निराला और एक ऐसा संविधान है जिसमें सभी बातों का समावेश किया गया है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह लिखित और विश्व का सबसे बड़ा संविधान है।आपको पता है यह संविधान 13 Kg का है।

भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताएं 

1. लिखित एवं निर्मित संविधान- भारत का संविधान लिखित है इसमें सरकार के संगठन के आधारभूत सिद्धांत औपचारिक रूप से लिख दिए गए हैं कार्यपालिका, विधायिका और आदि को स्पष्ट कर दिया गया है।

2. संघात्मक एवं एकात्मक- भारतीय संविधान का बाहरी ढांचा संघात्मक है, परंतु इसका आंतरिक स्वरूप एकात्मक है। संघात्मक स्वरूप में केंद्र तथा राज्यों की शक्तियों का बंटवारा किया गया है। और न्यायपालिका को कार्यकारिणी से स्वतंत्र रखा गया है, किंतु आपातकाल में यही संविधान एकात्मक रूप धारण कर लेता है और शासन की शक्ति केंद्र सरकार में निहित हो जाती है

3. विशाल संविधान- यह संसार का विशालतम संविधान है इसमें 404 अनुच्छेद 9 अनुसूचियां और 24 खंड हैं।

4. लोक कल्याणकारी राज्य- भारत का संविधान राज्य को एक लोक कल्याणकारी राज्य घोषित करता है। शासन जनता का सेवक है, ना कि कोई भयानक वस्तु, राज्य का लक्ष्य जनता का कल्याण करना है।

5. एक नागरिकता- सारे भारत में एक नागरिकता भारतीय नागरिकता है, भारतीय संपूर्ण देश का नागरिक है। पृथक से किसी राज्य का नहीं।संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे संघात्मक संविधान में नागरिकों को दोहरी नागरिकता प्राप्त है,अपने राज्य की और संघ की परंतु, भारत में एक ही नागरिकता है।

6. लचीला संविधान- यह संविधान लचीला है, कठोर नहीं, यह संविधान संशोधन के मामले में आसान है।

7. संसदीय शासन प्रणाली- भारतीय संविधान में संसदीय शासन प्रणाली का प्रावधान है। इसमें दो प्रकार की कार्यपालिका है। पहली नाममात्र की (राष्ट्रपति) और दूसरी वास्तविक (मंत्रिमंडल)।

8. मूल अधिकारों की व्यवस्था- भारतीय संविधान में नागरिकों के लिए कुछ मूल अधिकारों की व्यवस्था की गई है। इन्हें छीना नहीं जा सकता है। यहां तक कि कार्यपालिका और विधायिका इन में हस्तक्षेप नहीं कर सकती हैं। हस्तक्षेप करने पर न्यायपालिका इनकी रक्षा करती है। 

9. नीति निर्देशक तत्व - भारतीय संविधान में कुछ नीति निर्देशक तत्वों का भी प्रावधान किया गया है इनके द्वारा केंद्र तथा राज्य सरकारों को यह आदेश दिया गया है कि जनता के जीवन को सुखी बनाने की दिशा में काम करें।

10. स्वतंत्र एवं सर्वोच्च न्यायालय- सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना संघीय संविधान की एक विशेषता है। केंद्र और राज्यों के विवादों को तय करने तथा नागरिकों के मूल अधिकारों की रक्षा करने में सर्वोच्च न्यायालय की अहम भूमिका होती है।

12. अनुसूचित तथा जनजातियों को विशेष संरक्षण- अनुसूचित जन जातियों के उत्थान के लिए संविधान में विशेष व्यवस्था की गई है।

13. धर्मनिरपेक्ष राज्य - भारत को एक धर्मनिरपेक्ष राज्य का दर्जा संविधान ने दिया है। राज्य किसी विशेष धर्म के साथ पक्ष या विरोध नहीं करेगा धर्म के विषय में संविधान तटस्थ रहेगा।

14. समाजवादी राज्य - समाजवाद का मार्ग सबसे उत्तम माना जाता है, समाजवादी राज्य से घोषित किया गया है।

15. एक राष्ट्रभाषा- भारतीय संविधान में वैसे 22 भाषाओं को मान्यता दी गई है। परंतु हिंदी को राष्ट्रभाषा स्वीकार किया गया है, संविधान में प्रांतीय भाषाओं की भी उपेक्षा की गई है।

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