महमूद गजनवी कौंन था, भारत पर आक्रमण करने के क्या कारण थे

महमूद गजनवी


प्रस्तावना :- महमूद गजनवी अफगानिस्तान का रहने वाला था उनका  पूरा नाम अबुल कासिम था और शासन काल 998 से 1030 ई. तक राज्य किया। और उनका राज्याभिषेक 1002 में हुआ था। महमूद गजनवी का जन्म 2 नवम्बर 971 में (लगभग) ग़ज़नी, अफगानिस्तान में हुआ था।  महमूद गजनवी का निधन 30 अप्रैल 1030 (उम्र 59 वर्ष में) हुआ था। उनके पिता का नाम सेबुक्तिगिन था। और इनका धर्म- सुन्नी इस्लाम था।


महमूद गजनवी का भारत पर आक्रमण के कारण :-

महमूद गजनवी ने भारत पर 1000 ई. में आक्रमण प्रारंभ किए और 1027 ईसवी तक 17 बार आक्रमण किए और हर आक्रमण पर उसको विजय प्राप्त होती थी।

1. खलीफा की आज्ञा - कहा जाता है कि काफिरों का विनाश करने के लिए खलीफा ने महमूद गजनवी को आज्ञा दी थी। खलीफा की आज्ञा को मानते हुए महमूद ने भारत पर लगातार आक्रमण किए। महमूद गजनवी के कार्य से प्रसन्न होकर खलीफा ने 'अमीन-उल-मिल्लत' (मुसलमानों का संरक्षण) की उपाधि प्रदान की थी।

2. हाथियों को प्राप्त करने की आशा-  सुबुक्तगीन से पराजित होकर पंजाब शासक जयपाल ने 50 हाथी देने का वचन महमूद गजनवी को दिया था। जिसके बाद में उसने देने से मना कर दिया महमूद को आशा थी कि वह भारत पर आक्रमण करके हाथियों को प्राप्त कर सकता है, जो अनेक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते थे।

3. साम्राज्य विस्तार- कुछ इतिहासकारों की मान्यता है कि महमूद गजनवी का भारत पर आक्रमण करने का मक्साद साम्राज्य विस्तार करना था। और इसी उद्देश्य से उसने पंजाब पर अधिकार किया था परंतु इस बात को स्वीकार नहीं किया जाता क्योंकि उसका उद्देश्य साम्राज्य विस्तार करना होता तो कन्नौज और कालिंजर तक राज्य विस्तार कर सकता था परंतु उसने ऐसा नहीं किया दूसरे पंजाब पर महमूद ने अधिकार इसलिए किया था जिससे पंजाब को  आधार बनाकर शेष भारत पर आक्रमण करके धन प्राप्त कर सके।

4. धर्म प्रचार- समकालीन इतिहासकार उतवी का कहना है कि महमूद गजनवी के भारत पर आक्रमण करने का प्रयोजन भारत में इस्लाम धर्म का प्रचार करना था उतवी ने लिखा है कि महमूद ने भारत में आक्रमण करके इस्लाम धर्म की सेवा की है इसी उद्देश्य से उसने अपनी विजयों के दौरान जिहाद का नारा लगाया और अपने विभिन्न आक्रमणों में अनेक मंदिरों को ध्वस्त किया और मूर्तियों को तोड़ा और अनेक हिंदुओं को मुसलमान धर्म स्वीकार करने के लिए विवश किया परंतु आधुनिक इतिहासकार इस मत को स्वीकार नहीं करते हैं उनकी मान्यता है कि महमूद ने जीहद का नारा मंदिरों को ध्वस्त तथा मूर्तियों को तोड़ने का कार्य अपने सैनिकों में धार्मिक 'उत्साह' भरने के लिए किया था धर्म प्रचार के लिए नहीं।
      डॉक्टर जाफर ने लिखा है, महमूद एक धर्म प्रचारक की अपेक्षा एक विजेता अधिक था यह कहना कि उसने भारत पर बार-बार अपना धर्म फैलाने के लिए आक्रमण किया ऐतिहासिक दृष्टि से गलत है।

5. धन का प्रलोभन- अधिकांश आधुनिक इतिहासकारों की मान्यता है कि भारत पर आक्रमण करने का मुख्य उद्देश्य भारत के अपार धन को प्राप्त करना था मंदिरों का विध्वंस भी इसलिए किया था कि वे प्राचीन काल में धन के भंडार थे।

 प्रोफेसर हबीब ने लिखा है,
"महमूद ने भारत पर आक्रमण धार्मिक उद्देश्यों को लेकर नहीं वरन लूट लालच से किया था।"

महमूद धन का लालची था और इसी लालच के कारण महमूद गजनवी ने भारत पर 17 बार आक्रमण किए और अपार धन लूटकर उसने अपने साथ ले गया।

हैबल ने लिखा है "महमूद बगदाद और खलीफा के विरुद्ध भी युद्ध करने को तैयार हो जाता यदि उसे सोमनाथ मंदिर की तरह वहां अपार धन मिलने की आशा होती।"

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